प्रशांत शर्मा/न्यूज11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: इन दिनों हजारीबाग कोयलांचल में वाहन चोरों की गति बुलेट ट्रेन की स्पीड से भी ज्यादा तेज हो चुकी है. आए दिन किसी न किसी व्यक्ति के वाहन की चोरी अब आम हो गई. बावजूद इसके पुलिस इसमें ब्रेक लगाने में विफल नजर आ रही है. चरही थाना में हर तीन से छह महीने में दरोगा बाबू तो बदल जाते हैं पर वाहन चोरी की स्थिति नहीं बदलती।वाहन चोरी की बढ़ती घटनाओं से लोग खौफजदा रहने लगे है.
सिर्फ तापीन साउथ कॉलोनी में हो चुकी है लगातार तीन चोरी
हजारीबाग कोयलांचल क्षेत्र के चरही थाना अंतर्गत सीसीएल के तापिन साउथ कॉलोनी में 2 महीने के अंदर तीन अलग-अलग क्वार्टरों से मोटरसाइकिल की चोरी हो चुकी है. सेवानिवृत्ति सीसीएलकर्मी बिगन राम के पुत्र राजू कुमार का मोटरसाइकिल कुछ दिन पूर्व चोरों ने घर के अंदर घुसकर बाउंड्री से चुरा लिया जिसका अब तक आता-पता नहीं है. पानी टंकी में काम करने वाले एक अन्य सीसीएल कर्मी पूषण कुमार काफी बाइक चोरों ने चुरा लिया. वहीं 1 महीने पूर्व कॉलोनी के शिव मंदिर के निकट रहने वाले भोला सिंह का मोटरसाइकिल भी चोरों ने घर में घुसकर चुरा लिया था जिसका सुराग अब तक नहीं लगा है.
पूर्व की कई गाड़ियों का अब तक पता नहीं
चरही थाना से सटे महज 100 मीटर की दूरी पर रहने वाले रणदीप दूबे की चोरी हुई बोलेरो गाड़ी और लाल बंगला में रहने वाले कृष्ण मोहन मिश्रा की नई ऑल्टो कार सहित लाल बंगला निवासी संतोष मोदी के बोलरो वाहन आदि अन्य लोगों के वाहनों का भी अब तक रिकवरी पुलिस द्वारा नहीं हो पाया है. जिससे चोरों में हिम्मत बढ़ी है और वाहन चोर बेखौफ होकर चोरी की घटना को अंजाम दिए जा रहे है. अब तो लोग दरवाजे पर भी गाड़ी रखने से डरने लगे है.
साप्ताहिक बाजार में बाइक चोर रहते हैं सक्रिय
चरही के साप्ताहिक सब्जी बाजार में वाहन चोर सक्रिय रहते है. कुछ साल पहले पुलिस द्वारा कुछ चोरों को यहां से पकड़ा भी गया था पर फिर स्थिती ढाक के तीन पात वाली हो गई.
चौक पर नहीं है सीसीटीवी कैमरा
यहां सीसीएल और टाटा टिस्को के कई गाड़ियां चलती है बावजूद इसके चौक पर सीसीटीवी कैमरा नहीं है. यदि सीसीटीवी कैमरा हो तो चोरी की कई गाड़ियों को पकड़ने में मदद मिल सकती है. वर्षों से बने चरही थाना के इस मुख्य चौक पर सीसीटीवी नहीं होना संदेह पैदा करता है जिससे वाहन चोरों को हौसला मिलता है. सूत्र बताते हैं की कोयला की कालाबाजारी में सीसीटीवी कैमरा नहीं होना मददगार साबित होता रहा है.