प्रखंड स्तर पर लगेगा बिरसा किसान क्रेडिट कार्ड ऋण मेला
आउटगोइंग स्कीम की सभी योजनाओं की स्वीकृति 15 मई तक
न्यूज11 भारत
रांची: कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा है कि झारखंड राज्य में एक सौ स्मार्ट विलेज बनाए जाएंगे जिसकी अनुशंसा विधायक और सांसद के द्वारा की जाएगी. यह सभी स्मार्ट विलेज वन अंब्रेला नीति के तहत विकसित किए जाएंगे जहां पर कृषि से संबंधित योजनाओं को लागू किया जाएगा. योजना में विभिन्न स्तर पर सहकारी समिति का गठन कर विकास की रूपरेखा तैयार की जाएगी. कृषि सहकारिता और पशुपालन विभाग की समीक्षा करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कृषि मंत्री ने ये बातें कहीं. कृषि मंत्री ने कहा कि स्मार्ट विलेज की रूपरेखा तैयार की जा रही है. उन्होंने बताया कि दुग्ध के लिए सहकारिता समिति का गठन किया जाएगा तथा कॉपरेटिव को कुल लागत में से 50 फीसदी अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी. उन्होंने बताया कि पलामू, साहिबगंज और देवघर के सारठ में डेयरी प्लांट लगभग तैयार हो चुके हैं उन्हें जल्द चालू किया जाएगा.
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उन्होंने कहा कि कोविड काल के दौरान भी कृषि के मामले में हमारे राज्य ने अच्छी प्रगति की है. नतीजतन कृषि क्षेत्र के विकास दर में 26 फ़ीसदी का उछाल आया है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि राज्य की जीडीपी में कृषि की 20 फ़ीसदी हिस्सेदारी सुनिश्चित हो जो कि वर्तमान में 14 प्रतिशत है. उन्होंने बताया कि इस बार 73.16 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन हुआ है. कुल कृषि उत्पादन में 53 लाख 22 हजार मीट्रिक टन धान का उत्पादन किया गया है. किसानों को सशक्त करने के लिए 13 करोड़ की राशि किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से दी गई है. राज्य के सभी कृषक परिवार को बैंक से लोन मिल सके इसके लिए बैंकों के साथ बैठक की जाएगी. प्रखंड स्तर पर बिरसा केसीसी ऋण मेला का आयोजन कर कृषकों को ऋण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. उन्होंने बताया कि 3.86 लाख बिरसा किसानों का लोन माफ किया जा चुका है. कुल 9 लाख किसानों का ऋण माफ कराने का टार्गेट था लेकिन बैंकों के शिथिलता की वजह से किसानों का डाटा उपलब्ध नहीं हो पाया. किसानों के लोन माफी के लिए सभी जिलों के उपायुक्तों के साथ बैठक की जाएगी तथा बैंकों पर डाटा उपलब्ध कराने के लिए दबाव बनाया जाएगा.
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने बताया कि 2022 -23 के बजट में कुल 82 नई योजनाओं का शुभारंभ किया जा रहा है. इसमें 57 राज्य सरकार की योजनाएं हैं जबकि 25 योजनाएं भारत सरकार की है. बीते साल राज्य के 500 लैंप्स और पैक्स दो दो लाख रुपए की वित्तीय सहायता दी गयी थी. इस वर्ष प्रत्येक परिवार से लैंप्स-पैक्स में एक व्यक्ति को सक्रिय सदस्य बनाने के लिए अभियान चलाया जाएगा. राज्य के 58 लाख बिरसा किसान परिवार को यूनीक आईडेंटिटी दी जाएगी. उन्हें योजनाओं के तहत बीज और कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जाएंगे.