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सिमडेगा/डेस्क: सिमडेगा का सदर अस्पताल अब बस रेफरल अस्पताल बनकर रह गया है. उक्त बातें इंटक कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय नेता दिलीप तिर्की ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा. दिलीप ने कहा कि वे मरीजों की शिकायत पर सदर अस्पताल गए थे और वहां की हालत देख कर उन्होंने माथा पकड़ लिया. प्रदेश इंटक नेता दिलीप तिर्की ने कहा गर्मी के इस मौसम में सदर अस्पताल में पेयजल की घोर समस्या है. महज एक छोटा वाटर फिल्टर मरीजों की प्यास बुझाने में ऊंट के मुंह में जीरा समान है. जबकि प्रत्येक वार्डों सहित ओपीडी में पेयजल का इंतजाम निहायत जरूरी है. उन्होंने कहा हाथ धोने के लिए लंबे लंबे बेसिन लगे हुए है, उसमे नल भी है, लेकिन जल नदारत है. महिला वार्ड का वाटर फिल्टर भी खुद प्यासा है.
तिर्की ने यह भी कहा 3 माह पूर्व ही टाटा कंपनी ने इस अस्पताल को डिजिटल एक्स रे मशीन उपलब्ध कराया, लेकिन लाइसेंस के अभाव में ये मशीन पैकिंग हालत में ही मरीजों को मुंह चिढ़ा रहा है. उन्होंने सवाल खड़ा किया कि ये कैसा लाइसेंस है, जो तीन महीने तक नही लिया जा सका है. अस्पताल प्रशासन की घोर लापरवाही है. जिस तरह इस अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है, उसी तरह क्या फंड की भी कमी है? उन्होंने आरोप लगाया करोड़ों के फंड अस्पताल को दिए जा रहे है, बावजूद इसके मरीजों को मिलनेवाली सुविधाए प्रतिदिन गिर रही है. उन्होंने कहा ये अस्पताल महज सर्दी, खांसी, बुखार और हाथ पैर टूटने के इलाज तक ही सीमित हो गया है, बाकि मरीजों के लिए रेफर ही बेस्ट इलाज है. जबकि यहां पीआईसीयू जैसे वार्ड में अत्याधुनिक और महंगे उपकरण पड़े-पड़े धूल खा रहें है.
उन्होंने सिविल सर्जन से भी आग्रह किया कि बेहतर सुविधा के लिए आवश्यक कदम उठाए जाए. दिलीप तिर्की ने कहा कि जिले के उपायुक्त से वे मिलकर लिखित रूप से इसकी शिकायत रखेंगे.