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आज अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है. इसे शरद पूर्णिमा भी कहते हैं. आज का दिन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन दान और स्नान का अलग ही महत्व होता है. इसके साथ ही आज गणेश पूजा का भी संयोग बन रहा है. कहते हैं बुधवार का दिन भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए शुभ होता है. इन सबके अलावे धार्मिक दृष्टि से शरद पूर्णिमा की तिथि काफी फलदायी होती है.
भ्रमण पर निकलती हैं मां लक्ष्मी
ज्योतिषाचार्यों की मानें तो शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा 16 कलाओं से पूर्ण होती है. मान्यता यह भी है कि आज की रात चंद्रमा से निकलने वाली किरणें अमृत के समान होती है. इस साल शरद पूर्णिमा 19 अक्टूबर, मंगलवार को ही थी, लेकिन पंचाग में अंतर होने के कारण इस साल शरद पूर्णिमा दो दिन मनाया जा रहा हैं. ज्यादातर जगहों में पूर्णिमा का व्रत 20 अक्टूबर यानी आज रखा जा रहा है. मान्यता है कि आज के दिन मां लक्ष्मी को रात में भ्रमण पर निकलती है.
शरद पूर्णिमा शुभ मुहूर्त
19 अक्टूबर 2021 : शाम 07:04 बजे शुरू
20 अक्टूबर 2021 : रात 8.26 बजे तक
आज यानी 20 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 49 मिनट पर चंद्रमा का उदय होगा. 19 अक्टूबर को चंद्रोदय के समय चतुर्दशी की तिथि थी इसलिए शरद पूर्णिमा का यह पर्व 20 अक्टूबर को मनाया जा रहा है.
क्या करें शरद पूर्णिमा पर-
- आज यानी शरद पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर व्रत का संकल्प लें.
- किसी पवित्र नदी या कुंड में स्नान करें.
- स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
- इसके बाद अपने ईष्टदेव की अराधना करें.
- इस दौरान भगवान को गंध, अक्षत, तांबूल, दीप, पुष्प, धूप, सुपारी और दक्षिणा अर्पित करें.
- रात में गाय के दूध से खीर बनाएं और आधी रात को भगवान को भोग लगाएं.
- खीर से भरा बर्तन शरद पूर्णिमा के चांद की रोशनी में रखकर उसे दूसरे दिन ग्रहण करें.
- फिर खीर प्रसाद के रूप में सभी को वितरित करें.
इन बातों का रखें ध्यान-
- आज के दिन फल और जल का सेवन करके व्रत रख सकते हैं.
- इस दिन सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए.
- आज के दिन काले रंग के वस्त्र पहनने से बचना चाहिए.
- आज सफेद रंग के वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है.
- शरद पूर्णिमा के दिन व्रत कथा अवश्य सुननी चाहिए.
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आज राहु काल
पंचाग की माने तो आज दोपहर 12 बजकर 5 मिनट से दोपहर 3 बजकर 31 मिनट तक राहु काल रहेगा. इस काल में किसी भी शुभ कार्य को करना वर्जित माना गया है.