न्यूज11 भारत
रांची: झारखंड कोटे से राज्यसभा के चुनाव में मुस्लिम अल्पसंख्यकों में से एक जिम्मेदार और मेहनती व्यक्ति को मनोनीत कर उनकी जीत सेक्युलर दल सुनिश्चित करें. सेक्युलर दलों को चाहिए कि भाजपा से सीख ले जिसने झारखंड से मुख्तार अब्बास नकवी और एमजे अकबर को राज्यसभा भेजा. यह मांग मंगलवार को एदार-ए-शरीया झारखंड की ओर से मेन रोड स्थित मधुबन मार्केट में आयोजित बैठक में उठी. बैठक की अध्यक्षता संरक्षक मोहम्मद सईद ने की और संचालन नाजिम-ए-आला मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी ने की. बैठक में 10 जून 2022 को राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार को लेकर कांग्रेस, झामुमो, राजद, निर्दलीय विधायक, भाकपा-माले और आजसू पार्टी से मांग कि गई सेक्युलर दलों ने अब तक मुस्लिम नेता को राज्यसभा नहीं भेजा. जिस तरह भाजपा ने मुस्लिम को राज्यसभा भेजा उसी प्रकार इस बार किसी भी मुस्लिम को राज्यसभा अवश्य भेजा जाए. धर्मनिरपेक्ष दल इसे अनदेखा करने की गलती न करें.
हार की स्थिति रहती है तब देते हैं मुस्लिम उम्मीदवार
एदारा ने बैठक ने कहा कि सेक्युलर दलों के द्वारा मुस्लिम उम्मीदवार जब जीत तय रहती है तो नहीं दी जाती. उनका कहना था कि जब हार की स्थिति नजर आती है तो कभी स्वर्गीय हाजी हुसैन अंसारी तो कभी शहजादा अनवर को चुनाव में उतार दिया जाता है. लेकिन जिस सीट पर जीत पक्की है उस सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार नहीं दिया जाता है. झारखंड गठन के बाद से अब तक सेक्युलर राजनीतिक दलों द्वारा एक भी मुस्लिम नेता को राज्यसभा नहीं भेजा गया. जबकि, भाजपा झारखंड से दो मुस्लिम को राज्यसभा भेज चुकी है. बैठक में कारी अयूब रिजवी, मौलाना मुफ्ती फैजुल्ला मिस्बाही, मौलाना डॉ. ताजुद्दीन रिजवी, अकीलुर्रहमान, मौलाना मसूद फरीदी, मौलाना निजामुद्दीन मिस्बाही, हाजी सईद, हाफिज मुजीब उर-रहमान, मुफ्ती एजाज हुसैन मिस्बाही और मौलाना नूर मोहम्मद आदि मौजूद थे.