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करोड़ों का घोटाला: जेई के बाद एसडीओ सस्पेंड

तांतनगर जलापूर्ति योजना में एजेंसी ने गैरकानूनी ढंग से करोड़ों का काम सबलेट किया
करोड़ों का घोटाला: जेई के बाद एसडीओ सस्पेंड

रांची: पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल चाईबासा के तांतनगर जलापूर्ति योजना में करोड़ों का घोटाला हुआ है. बड़े स्तर पर वित्तीय अनियमितता बरती गई है. काम करने वाली एजेंसी को अधिक भुगतान किया गया है. इस योजना से संबंधित चाईबासा प्रबंधन के जेई कैलाश राम के बाद 17 अगस्त 2021 को एसडीओ मंगीलाल गिलुवा को सस्पेंड कर दिया गया. इस संबंध में पेयजल विभाग ने अधिसूचना जारी कर दिया है. 




तांतनगर जलापूर्ति योजना में बरती गई अनियमितता का मामला संज्ञान में आने के बाद सीडीओ के मुख्य अभियंता की अध्यक्षता में जांच टीम बनी. टीम ने तांतनगर जलापूर्ति योजना की विस्तृत जांच में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता पाई. चाईबासा प्रमंडल के एसडीओ मंगीलाल गिलुआ से स्पष्टीकरण पूछा था. गिलुआ ने अपना स्पष्टीकरण विभाग को सौंपा. जिसकी समीक्षा जांच टीम के सदस्यों ने किया. 

 

जांच टीम ने पाया कि जलापूर्ति योजना में नियमानुसार मापी नहीं हुई है. कोडल प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है. बिना इनवायस के ही त्रुटिपूर्ण एवं गलत विपत्र बनाया गया है. गलत विपत्र के आधार पर बिना पाईप के आपूर्ति के संवेदक को अनियमित भुगतान किया गया गया है. कंनसाइनिंग इंड पर पाईप के परिक्षण के पूर्व ही मापी एवं भुगतान कार्य में सहयोग किया गया है. जांच टीम ने प्रथम दृष्टया वित्त सहिता के नियम 256 सहित कई नियमों की अनदेखी कर एजेंसी का फायदा पहुंचाने का मामला पाया.  

 


 

टीम की अनुशंसा के बाद सरकार के संयुक्त सचिव पशुपति नाथ मिश्र ने एसडीओ के संस्पेशन से संबंधित अधिसूचना जारी किया. सस्पेंशन की अवधि में एसडीओ का पेयजल एवं स्वच्छता अंचल, हजारीबाग बताया गया है जहां जेई अपना योगदान देंगे. इस मामलें में चाईबासा के कई इंजीनियरों पर गांज गिर सकता है. 

 

जांच में 17 करोड़ की गड़बड़ी सामने आई 

तांतनगर जलापूर्ति योजना, चाईबासा में घोटाला हुआ है. इंजीनियरों ने काम करने वाली एजेंसी को बिना सप्लाई के ही करोड़ों का भुगतान कर दिया है. अब तक 17 करोड़ रुपये की गड़बड़ी के साक्ष्य मिले हैं. इस योजना में 30 करोड़ की फर्जी निकासी की शिकायत मिली थी. इसके बाद सरकार ने पूरे मामले की जांच का आदेश दिया. इसके लिए पांच इंजीनियरों की टीम बनायी गयी थी. जांच टीम में सेंट्रल डिजाइन आर्गेनाइजेशन के मुख्य अभियंता रघुनंदन शर्मा,  संयुक्त सचिव पशुपति नाथ मिश्रा,  मुख्य अभियंता, रांची प्रक्षेत्र प्रदीप कुमार चौधरी, पीएमयू निदेशक सुधाकांत झा और अधीक्षण अभियंता प्रभात कुमार सिंह को जांच टीम में शामिल किया गया था.
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