न्यूज़11 भारत
रांची: टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने संन्यास लेने फैसला किया है. जानकारी के मुताबिक, सानिया ने अपनी चोट का हवाला देते हुए यह निर्णय लिया है. इधर, सानिया के इस ऐलान के बाद भारत सहित एशिया में उनके फैंस के बीच निराशा की लहर है. आपको बता दें, सानिया मिर्जा न सिर्फ खेल जगत बल्कि सोशल मीडिया की भी एक सुपर स्टार है. मिर्जा अपने करियर के शुरूआती दौर से ही मीडिया की सुर्ख़ियों पर बनी रही है. अभी हाल ही में शोएब मलिक से तलाक की खबरों को लेकर भी सानिया सोशल मीडिया पर छाई हुई थी. और अब एक बार फिर वो टेनिस से संन्यास लेने के अपने फैसले से सुर्खियों में छा गई है. दुबई टेनिस चैंपियनशिप उनके जीवन का आखिरी टेनिस टूर्नामेंट होगा. जिसे खेलने के बाद वो टेनिस से सन्यास ले लेंगी.
फरवरी में अपने आखिरी टूर्नामेंट खेलेंगी सानिया
अपने घोषणा में ये बात सानिया ने स्वयं कही है. उन्होंने बताया कि अगले माह वो दुबई टेनिस चैंपियनशिप में खेलेंगी और यह उनके करियर का अंतिम टूर्नामेंट होगा.सानिया अपने फैन्स को इसी टूर्नामेंट में अंतिम बार खेलती दिखेंगीं. बता दें सानिया ने पिछले वर्ष ही टेनिस से सन्यास लेने का ऐलान कर दिया था कि वह 2022 के अंतिम में सन्यास ले लेंगीं. ऐसे में सानिया मिर्जा इस वर्ष का पहला ग्रैंड स्लैम ऑस्ट्रेलिया ओपन खेलेंगी. इसके पश्चात यूएइ में चैंपियनशिप खेलकर टेनिस को विदा कह देंगीं.
कोहनी की चोट की वजह से लिया फैसला
Wta वेबसाईट से बात करते हुए सानिया ने अपने संन्यास का कारण बताया कि उन्हें कोहनी में चोट लगी थी. इसी चोट के कारण सानिया खेल जगत को अलविदा कह रही है. बता दें खुद पर लगे चोट की वजह से सानिया यूएस ओपन नहीं खेल सकी थी. इस खबर से जहां खेल जगत में निराशा है वहीं सानिया के फैन्स भी दुखी है. सानिया के प्रसंशक भारत सहित पाकिस्तान में भी बड़ी संख्या में है. दोनों देशों के दिलों पर राज करनेवाली सानिया ने अब अपने खेल करियर से सन्यास की घोषणा कर दी है. भारतीय टेनिस स्टार ने कहा कि फरवरी में दुबई में खेला जाने वाला WTA 1000 इवेंट उनकी आखिरी प्रतियोगिता होगी. सानिया ने कहा कि ईमानदारी से कहूं तो मैं जिस तरह की इंसान हूं, मुझे अपनी शर्तों पर काम करना पसंद है. इसीलिए मैं चोट की वजह से बाहर नहीं होना चाहती. इसीलिए मैं ट्रेनिंग कर रही हूं. भारतीय स्टार ने कहा कि मेरे दिमाग में इमोशनली इतना आगे बढ़ने की ताकत नहीं है. मैंने 2003 में पेशेवर टेनिस में कदम रखा था. उन्होंने आगे कहा कि प्राथमिकताएं बदलती हैं और अब मेरी प्राथमिकता अपने शरीर को हर दिन सीमित करने की नहीं है.
सन्यास के बाद एकेडमी संभालेंगी सानिया
सन्यास के बाद सानिया संभालेंगी अपना एकेडमी. अपने इंटरव्यू में भारतीय स्टार ने कहा कि संन्यास के बाद वो दुबई में अपनी एकेडमी पर ध्यान देना चाहती हैं. सानिया ने डबल्स में 3 और मिक्स्ड डबल्स में 3 ग्रैंडस्लैम जीते. वहीं 2016 ओलिंपिक में वो सेमीफाइनल तक पहुंची थी.
जानिए कितने पुरुस्कार है सानिया के नाम
टेनिस क्वीन सानिया मिर्जा को अपने अच्छे खेल के लिए कई अवार्ड्स से नवाजा गया है. जिसमे अर्जुन अवार्ड, पद्म श्री अवार्ड,राजीव गाँधी खेल रत्न अवार्ड, और पद्म भूषण अवार्ड, से भी सम्मानित किया गया है. सानिया ने अब तक 6 बड़े चैंपियनशिप में मेडल जीते हैं. उन्होंने डबल्स में ऑस्ट्रलिया ओपन, विम्बलडन और यूएइ ओपन में ख़िताब जीता है. इसके बावजूद सानिया ने मिक्स्ड डबल में भी तीन ग्रैंड स्लैम ऑस्ट्रेलिया ओपन, फ्रेंच ओपन और यूएस ओपन, ख़िताब जीते हैं.
रोचक है सानिया की टेनिस क्वीन बनने की यात्रा
सानिया मिर्जा का जन्म महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में हुआ था. उन्होंने अपने करियर की शुरुवात 1999 में विश्व जूनियर टेनिस चैंपियनशिप में भाग लेकर किया था. इसके पश्चात् उन्होंने कई सारे अंतराष्ट्रीय खेलों में भाग लिया और सफलता भी प्राप्त की. वर्ष 2003 उनके जीवन का सबसे रोचक मोड़ बना जब भारत की ओर से वाइल्ड कार्ड एंट्री करने के बाद सानिया ने विम्बलडन में डबल्स के दौरान जीत हासिल की. साल 2004 में उन्हें बेहतर प्रस्तुति के लिए 2005 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 2005 के अंतिम में उनकी अंतराष्ट्रीय रैंकिंग 42 हो चुकी थी जो किसी भी भारतीय टेनिस खिलाड़ी के लिए बहुत ज्यादा थी. 2009 में भारत की ओर से ग्रैंड स्लैम जितने वाली सानिया मिर्जा पहली महिला खिलाड़ी बनी.