न्यूज11 भारत
रांची: अमेरिकी मुद्रा(डॉलर) के मुकाबले रुपया लगातार अपने निचले स्तर को छू रहा है. शुक्रवार यानी आज रुपया शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले आठ पैसे की गिरावट के साथ 77.82 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया. रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 77.81 पर कमजोर रुख के साथ खुला, और फिर 77.82 पर आ गया, जो इसका सर्वकालिक निम्न स्तर है.
आखिर क्या हैं इसके मायने?
डॉलर के मुकाबले रुपये का गिरना सिर्फ सरकार के लिए ही नहीं बल्कि आपके लिए भी चिंता का सबब है. अब आपको न सिर्फ विदेश से आयात होने वाले तेल, कंप्यूटर, मोबाइल के लिए ज्यादा पैसे अदा करने होंगे, वहीं विदेश में बच्चे की पढ़ाई का सपना भी महंगा हो जाएगा.
डॉलर के मुकाबले रुपये की लगातार गिरावट का सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ने वाला है. बता दें कि भारत अपनी जरुरत का 80 फीसदी कच्चा तेल विदेशों से आयात करता है.
इलेक्ट्रोनिक सामानों की बढ़ेंगी कीमत
भारत अधिकतर मोबाइल और अन्य गैजेट का आयात चीन और अन्य पूर्वी एशिया के शहरों से होता है. चूंकि विदेश से अधिकतर कारोबार डॉलर में होता है, तो विदेशों से आयात होने वाले चीजों की कीमतें बढ़ने के काफी आसार हैं.