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रांची: पंचायत के विकास की जिम्मेदारी अब रिक्शा चालक के हाथ में होगी. यह बिल्कुल सच है. राहे प्रखंड के राहे पंचायत के लोगों ने विकास की जिम्मेदारी एक रिक्शा चालक को सौंपी. रांची में रहकर करीब 10 साल तक रिक्शा चलाकर अपने परिवार की गाड़ी चलाने वाले कृष्णा पातर, अब पंचायत के विकास की रफ्तार तेज करेंगे. वोटरों को अपने पाले में करने व प्रचार-प्रसार के लिए प्रत्याशियों को अपने स्तर से खर्च करने पड़ते हैं. मगर इस नवनिर्वाचित मुखिया कृष्णा पातर की कहानी ही कुछ और है. पैसे खर्च करना तो दूर इनका मनोबल बढ़ाने के लिए वोटरों ने ही चावल-दाल, गुड़ आदि दिए. जीत से इनके चाहने वाले उत्साहित रहे. माला भी खुद अपने स्तर से इनके सपोर्टर ने खरीदकर पहनाया. पंडरा बाजार समिति प्रांगण में जीत के बाद कृष्णा पातर से पूछने पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. बस इतना कहा, वे नहीं, उनका काम बोलेगा.
पिछली बार भी लड़ा था चुनाव, इस बार हुए सफल
कृष्णा पातर के बारे में बताया गया कि उन्होंने बीते पंचायत चुनाव में भी किस्मत आजमाया था. मगर असफलता मिली. इस बार लोगों की डिमांड पर चुनाव लड़ा. पंचायत के लोगों ने ही तोहफे में चावल-दाल आदि दिए ताकि परिवार को खाने-पीने की दिक्कत न हो. मुखिया पद में खड़े अन्य प्रत्याशी काफी पैसे वाले थे. उन्होंने जमकर प्रचार प्रसार करने के साथ पैसे भी खर्च किए. मगर वोटरों ने जीत का सेहरा कृष्णा के सिर पर पहनाया.