प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: पिछले साल 4 जुलाई को शहर से 25 किलोमीटर दूर पदमा में एक रोंगटे खड़े करने वाली घटना घटी थी. दरअसल रांची-पटना मार्ग पर दौड़ रही एक एसयूवी बिना मुंडेर वाली कुंए में जा गिरी, जिससे छह लोगों की मौत हो गई. इस घटना के बाद मृतक के आश्रितों की मदद के लिए लंबे चौड़े वायदे किए गए थे. मृतकों में मंडईखुर्द के पूर्व मुखिया ओम प्रकाश भी थे, जिनके परिजन दो प्रखंड और तीन सरकारी कार्यालय के फेर में ऐसे उलझे हैं कि उनके पसीने छूट गए है. स्वर्गीय ओम प्रकाश के पुत्र मनीष गुप्ता ने बताया कि पहले वे सदर गए जहां से पदमा भेज दिया गया.
जिसके बाद पदमा कार्यालय ने उन्हें सदर जाने की बात कही. जिसके बाद सदर अंचल, अपर समाहर्ता और डीटीओ ऑफिस तक का चक्कर उन्हें कई बार लगवा दिया गया. हर जगह कहा गया कि यह काम उनके यहां से नहीं हो पाएगा. मनीष के मुताबिक डीसी के जनता दरबार में भी उन्होंने अपनी बातों को रखा था, लेकिन आजतक कोई कारवाई नहीं हुई. कहा कि पिता चले गए और ऐसे में उन्हें मदद की जरूरत है. लेकिन जैसे परिस्थिति बन गई है, उससे उनकी हिम्मत अब टूट रही है. उन्होंने इस मामले में एकबार फिर डीसी से मदद की गुहार लगाई है.