न्यूज11 भारत
रांची : एचईसी (HEC) में रांची का एम्स (AIIMS) बन सकता है. इस बात पर सांसद संजय सेठ के आग्रह पर HEC के अधिकारियों ने सहमति जताई. एम्स के निर्माण के लिए डेढ़ सौ एकड़ जमीन चाहिए. HEC के अधिकारियों ने कहा कि हमारे पास पर्याप्त जमीन है. बस सरकार के सहमति का इंतजार है. सांसद संजय सेठ ने कहा कि एचईसी एम्स की ज़मीन बेहतर कनेक्टिविटी के साथ एम्स के लिए फिट है, वे इसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजेंगे.
इसे भी पढ़ें, T20 इंटरनेशनल फॉर्मेट में KOHLI के कप्तानी करियर का आज अंत
आधुनिकीकरण की रिपोर्ट मांगी है. पिछले माह मंत्री ने एचईसी के अधिकारियों के साथ बैठक कर एचईसी की मौजूदा स्थिति की जानकारी मांगी थी.
रक्षा, परमाणु, अंतरिक्ष क्षेत्र में एचईसी की क्षमता और किए गए कार्यों की जानकारी दी गई थी. एचईसी के प्लांटों का अभी तक आधुनिकीकरण नहीं हुआ है. मशीनें पुरानी हो गई हैं. इस कारण कार्यक्षमता प्रभावित हो रही है. अब जल्द ही मंत्रालय को एचईसी के आधुनिकीकरण की रिपोर्ट सौंपेगा. इसके लिए मंत्रालय ने एचईसी से कई जानकारी मांगी है.
मेकॉन ने आधुनिकीकरण का प्लान तैयार किया
एचईसी के आधुनिकीकरण पर 1251 करोड़ रुपए खर्च होंगे. तीन साल में काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. शुरुआत एफएफपी से की जाएगी. मेकॉन ने आधुनिकीकरण का प्लान तैयार किया है. इसके लिए चेक गणराज्य और रूस की कंपनियों ने प्रस्ताव दिया है. एचईसी के प्लांटों की स्थापना भी इन दोनों देशों के सहयोग से की गयी है. आधुनिकीकरण के बाद कई नई मशीनें लगेंगी. नई तकनीक से उत्पादन होगा, जिससे लागत में कमी आएगी और गुणवत्ता भी बरकरार रहेगी.
कई नए क्षेत्रों में भी कदम रखेगा एचईसी
एचईसी ने कई नए क्षेत्रों में भी कदम रखने की योजना बनाई है. डोजर, डंपर, इलेक्ट्रिक रेल इंजन और रेलवे के लिए स्पेशल क्रेन प्रमुख हैं. इनके निर्माण के लिए एचईसी ने पहले ही संबंधित कंपनियों के साथ एमओयू किया है. आधुनिकीकरण के बाद एचईसी को परंपरागत स्टील, माइंस के अलावा रेलवे, अंतरिक्ष और न्यूक्लियर क्षेत्रों से भी नियमित काम मिलने की संभावना है.