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रांची पुलिस: आपकी सेवा के लिए नहीं, आपकी परेशानी के लिए है!

क्षेत्र में होने वाली घटनाओं की जानकारी नहीं देते हैं थानेदार
रांची पुलिस: आपकी सेवा के लिए नहीं, आपकी परेशानी के लिए है!

प्रिंस श्रीवास्तव/  न्यूज़11भारत


रांची: राजधानी में पुलिसकर्मियों की गलती से लगातार पुलिस की छवि खराब होते जा रही है. शहर में स्थिति ऐसी बन गई है कि पुलिस अब आपकी सेवा के लिए नहीं आपकी परेशानी के लिए हो गई है. पुलिसकर्मियों पर लगातार आरोप लग रहे हैं. थाने में पदस्थापित पुलिसकर्मी निर्दोषों की पिटाई कर रहे हैं, अपराधियों का नाम पता मिलने के बाद भी  पकड़ नहीं पा रहे हैं, हत्या के केस को एक्सीडेंट बताकर मामले को दबाने का प्रयास कर रहे हैं. इसके अलावा कई पुलिसकर्मी घूस लेकर जेल जा रहे हैं तो कुछ पुलिसकर्मी वसूली करने में लगे हुए. पुलिस के वरीय अधिकारियों के द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है और आरोपी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने के अलावा लाइन हाजिर किया जा रहा है. लेकिन कुछ पुलिसकर्मी पर विभाग मेहरबान है. सदर इलाके में पत्रकार बैजनाथ पर जानलेवा हमला मामले में स्पष्ट रूप से देखा गया था कि सदर थानेदार वेंकटेश कुमार की घोर लापरवाही है. डीजीपी नीरज सिन्हा के आदेश के बाद सदर थाना के लापरवाह पुलिसकर्मियों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई.

 

क्षेत्र में होने वाली घटनाओं की जानकारी नहीं देते हैं थानेदार

 

राजधानी में कई ऐसे मामलों में देखा गया है कि थानेदार के क्षेत्र में होने वाली घटनाओं की जानकारी वह पुलिस के वरीय अधिकारियों को नहीं देते हैं. वहीं अधिकारियों की इसकी सूचना कहीं और से मिलती है. बुढ़मू इलाके में  एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई लेकिन थानेदार ने इस घटना के बारे में वरीय अधिकारियों को सूचित नहीं किया उल्टे इस मामले को एक्सीडेंटल बता कर जांच करने लगे. पुलिस की जांच में स्पष्ट हो चुका है कि थानेदार ने बड़ी लापरवाही की है. इसके अलावा शहर और ग्रामीण इलाके में कई ऐसे थानेदार हैं जिन्होंने सही समय पर सूचना अधिकारियों को नहीं दी.

 

ऐसे समझे  पुलिस की कार्यशैली

 

केस वन

 

जगन्नाथपुर थाना में पदस्थापित दरोगा अंकु कुमार ने एक हॉकर को पकड़कर 3 दिनों तक थाने में रखा. उसकी जमकर पिटाई की गई और तबीयत खराब होने पर उसे रिम्स में भर्ती करा दिया गया. इस मामले को पूरी तरह से पुलिस ने दबाने का प्रयास किया.

 

केस दो

 

सदर इलाके में रहने वाले पत्रकार बैजनाथ पर जानलेवा हमला मामले में पत्रकार ने सदर पुलिस को पहले ही सूचना दे दी थी. बैजनाथ में थाना में तन्हा दर्ज कराया था. इसके बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की और अब बैजनाथ रिम्स में जिंदगी और मौत के बीच लड़ रहा है.

 

केस  तीन 

 

बुढ़मू थानेदार नवीन कुमार ने एक हत्या के मामले में कार्यवाही नहीं की और आरोपियों को बचाने के लिए इस मामले को एक्सीडेंटल बना दिया. इसकी शिकायत एसएसपी के पास गई तब जाकर इस मामले में कार्यवाही हुई और थानेदार को लाइन हाजिर कर दिया गया.

 

केस चार

 

लोअर बाजार थानेदार सतीश कुमार पर बार-बार मटका खिलाने का आरोप लग रहा था. कोतवाली ए एसपी ने  लोहार बाजार इलाके में जाकर कार्रवाई की इसके बाद थानेदार को हटा दिया गया.

 

केस पांच

 

बुढ़मू थानेदार सिद्धेश्वर के खिलाफ अवैध बालू और कोयला चलाने का आरोप लगा. इस मामले में जांच की गई तो थानेदार दोषी पाए गए इसके बाद उन्हें लाइन हाजिर कर दिया गया.

 

केस  छह 

 

लॉ ऑर्डर नहीं संभालने पर दो थानेदार हुए लाइन हाजिर हुए. इसमें पिठौरिया थानेदार और एयरपोर्ट थानेदार शामिल है.

 
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