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रांची : देश के पहले शिक्षा मंत्री रहे मौलाना अबुल कलाम आजाद की 133वीं जयंती शिक्षा दिवस के रूप में मनाई जा रही है. मौलाना अबुल कलाम आजाद का रांची से बड़ा लगाव रहा था. आज हम आपको मौलाना अबुल कलाम आजाद का रांची कनेक्शन बताएंगे.
चार साल रांची में रहे थे मौलाना अबुल कलाम आजाद
स्वर्गीय मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्म 11 नवंबर 1888 में मक्का में हुआ था. भारत के आजादी की लड़ाई में इनकी अहम भूमिका रही थी. ब्रिटिश शासन काल में उन्हें 1916 से 1920 तक रांची में नजरबंद रखा गया था. स्वर्गीय मौलाना अबुल कलाम आजाद को धर्म का खासा ज्ञान था. नजरबंद रहने के दौरान उन्होंने रांची में 4 वर्ष बिताए थे. अप्पर बाजार में मदरसा इस्लामिया की स्थापना 1917 में उनके द्वारी ही किया गया था, जिसमें अप्पर बाजार के हिंदू बिरादरी के लोगों ने भी सहयोग किया था. मालूम हो मौलाना आजाद कॉलेज भवन ही मदरसा इस्लामिया कहलाता है.
अबुल कलाम का 104 साल पुराना लालटेन
स्वर्गीय मौलाना अबुल कलाम आजाद नजरबंद के दौरान मदरसा इस्लामिया में रहा करते थे. अप्पर बाजार के जामा मस्जिद में मौलाना अबुल कलाम आजाद नमाज अता करते थे और उनके तकरीर को सुनने के लिए काफी लोग वहां जमा हो जाते थे. आज भी 104 साल पुराना एक लालटेन उनकी याद दिलाता है. मौलाना आजाद कॉलेज के प्रबंधकों ने उस लालटेन को आज भी सहेज कर रखा है. भारत में शिक्षा के क्षेत्र में कई बहुमूल्य काम तत्कालीन शिक्षा मंत्री स्वर्गीय मौलाना अबुल कलाम आजाद के द्वारा किए गए थे.
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गौरतलब है रांची में नजरबंद रहते हुए मौलाना अबुल कलाम आजाद ने मदरसा इस्लामिया की स्थापना की इसके साथ ही अंजुमन इस्लामिया की भी स्थापना इन्हीं के द्वारा की गई थी. नजरबंद रहने के दौरान यहां अबुल कलाम ने आपसी भाईचारा की मिसाल पेश की थी.