रांची : देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व राजीव गांधी की 77वीं जयंती है. भारत रत्न राजीव गांधी की जयंती कांग्रेस सद्भावना दिवस के रूप में मनाती है. देशभर में भारतीय युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता इस दिन सेवा और सद्भाव का कार्य करते हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए देश में कई अहम बदवाल किए, जिसका नतीजा सामने आया देश में तेज बदलाओं के रूप में. वह देश के सातवें और भारतीय इतिहास में सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री थे. वे राजनीति में नहीं आना चाहते थे, लेकिन हालात ऐसे बने कि वो राजनीति में आए और देश के सबसे युवा पीएम के रूप में उनका नाम दर्ज हो गया.
राजीव गांधी की राजनीति में कोई रूचि नहीं थी और वो एक एयरलाइन पायलट की नौकरी करते थे. पायलट की नौकरी में वे खुश थे. 1984 से 1989 तक देश के प्रधानमंत्री रहे. इस दौरान उन्होंने देश में कई ऐतिहासिक और परिवर्तन वाले कदम उठाए. पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने, दूरसंचार, कम्प्यूटर में क्रांति और युवाओं को 18 साल में मताधिकार की राजीव गांधी ने शुरुआत की. यही कारण है कि आज भारत देश के अग्रणी पंक्ति में खड़ा नजर आ रहा है.
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नाम मिला था राजीव रत्न गांधी, पहचान दूसरे नाम से मिली
राजीव गांधी का जन्म मुंबई में 20 अगस्त 1944 को हुआ. जन्म के समय उनका नाम राजीव रत्न गांधी रखा गया था, हालांकि बाद में उनकी पहचान राजीव गांधी के रूप में बनी. उनको जन्म के समय से ही उनका परिवार आजादी की लड़ाई में शामिल था. राजीव के नाना पंडित जवाहर लाल नेहरू, मां इंदिरा गांधी और पिता फिरोज गांधी देश की आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे. आजादी के बाद उनके नाना आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री बने.
उड़ान भरने का था शौक, बन गए पायलट
राजीव गांधी राजनीतिक परिवार से होते हुए भी राजनीति में नहीं आना चाहते थे, उनका सपना आसमान में उड़ानें भरना था. इस सपने को गढ़ा, साकार भी किया. भारत आकर राजीव दिल्ली के फ्लाइंग क्लब के सदस्य बन गए थे और पायलट बनने का प्रशिक्षण हासिल किया था. शादी के बाद राहुल गांधी के पैदा होने के समय उन्होंने एयर इंडिया में पायलट की नौकरी कर ली थी. लेकिन राजनीति में आने के बाद उन्हें अपना शौक और नौकरी दोनों ही छोड़ने पड़े. बेमन से राजनीति में उतरे तो यहां भी कमाल कर गया.