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रांची: अंग्निपथ योजना का देशभर में जोरदार विरोध हुआ.अलग-अलग राज्यों में प्रदर्शनकारियों ने बड़े पैमाने पर आगजनी की और ट्रेनों को आग के हवाले किया था. इस उपद्रवियों नें ट्रेनें फूंकी, रेलवे स्टेशन तक में तोड़फोड़ की थी. अब रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को संसद में बताया कि अग्निपथ योजना के विरोध में हुए आंदोलनों के चलते रेलवे की संपत्ति को 259.44 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
ट्रेनें फूंकी, रेलवे स्टेशन में की तोड़फोड़
रेल मंत्री ने बताया कि अग्निपथ योजना का देश भर में जमकर विरोध हुआ था ऐसा लगा कि पूरा देश एकसाथ जल उठा हो. लोग बिना सोचे समझे आंदोलन पर उतर आये .जितने लोग उतनी बातें , कही मिम्स, कही छोटे छोटे सोशल मीडिया पर विडिओ वायरल हो रहे थे ,लोग कहीं ट्रेन जला रहे थे तो कहीं हर राज्य के लोग स्टेशन जला रहे थे. रेल मंत्री वैष्णव ने ससंद में अलग-अलग सवालों के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया, ‘‘भारतीय रेल को अग्निपथ योजना के विरोध में हुए आंदोलनों में रेल परिसंपत्तियों के नुकसान और तोड़फोड़ के कारण 259.44 करोड़ रुपये की नुकसान हुआ.’’ उन्होंने बताया कि अग्निपथ योजना के विरोध में देश भर में हुए प्रदर्शनों के चलते 15 जून से 23 जून के बीच 2132 ट्रेन रद्द की गईं.
रेल यात्रियों को लौटना पड़ा रिफंड
वैष्णव ने यह भी कहा कि सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना के विरोध के कारण भारी सार्वजनिक अव्यवस्था फैली थी जिसके कारण रेल सेवाएं बाधित हुई थीं. उन्होंने कहा ‘‘हालांकि, 14 जून 2022 से 30 जून 2022 के दौरान, अग्निपथ योजना के विरोध के चलते ट्रेन के रद्द होने के कारण करीब 102.96 करोड़ रुपये का रिफंड यात्रियों को दिया गया.
राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है कानून व्यवस्था बनाए रखने की
राज्यसभा में रेल मंत्री ने बताया कि अग्निपथ योजना के विरोध के कारण रद्द की गई सभी प्रभावित ट्रेन सेवाओं को फिर से बहाल कर दिया गया है. वैष्णव ने कहा कि भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची के अंतर्गत पुलिस और कानून व्यवस्था राज्यों का विषय हैं, लिहाजा रेलों पर अपराध की रोकथाम, उनका पता लगाना, पंजीकरण और अन्वेषण करना और कानून व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है, जिसका निर्वहन वे अपनी कानून प्रवर्तन एजेंसियों और राजकीय रेल पुलिस और राज्य पुलिस के माध्यम से करती हैं. सेना में भर्ती की हाल ही में शुरू की गई अग्निपथ योजना के खिलाफ देश के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे और रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था.