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NEWS11 स्पेशल


रामप्यारी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल पर भी उठ रहे सवाल

भूंईहरी जमीन पर बना है डॉ एसएन यादव का अस्पताल
रामप्यारी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल पर भी उठ रहे सवाल
दीपक/न्यूज11 भारत




रांची: पल्स हॉस्पीटल के बाद अब रामप्यारी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल पर भी सवाल उठने लगे हैं. आईएएस पूजा सिंघल के पल्स हॉस्पीटल के बगल में है राम प्यारी अस्पताल. यह हॉस्पीटल भी भुंईहरी जमीन में बना है. जिसको लेकर अब सवाल उठना भी लाजिमी है. खाता नंबर 160, 161, 162 के प्लाट नंबर 1138, प्लाट नंबर 1248 की जमीन रामप्यारी अस्पताल के प्रमोटरों ने ली है. रामप्यारी अस्पताल के लिए चार जमीन ली गयी है. इन चारों जमीन का कुल रकबा 40 डिसमिल के आसपास है. इनमें से अस्पताल का ऑपोजिट वाला क्षेत्र भी शामिल है, जिसका उपयोग पार्किंग के लिए किया जाता है. खरीदी गयी जमीन का नेचर भुंईहरी और कायमी दोनों है, जो आदिवासी जमीन है

 

हिमूल ट्राकोम प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक ने बेची दो जमीन

 

चाईबासा सदर बाजार के रहनेवाले अनिल खिरवाल ने मां रामप्यारी सुपर स्पेश्यलिटी अस्पताल को जमीन बेची है. पहले डीड के हिसाब से हिमूल ट्राकोम प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अनिल खिरवाल ने बेची है. जिसका एड्रेस खिरवाल मार्केट चाईबासा दिया गया है. इन्होंने बड़गाईं अंचल की परिधि में आनेवाले खाता नंबर 161 के प्लाट संख्या 1138 के तहत 3.72 डिसमिल औऱ खाता संख्या 162 के प्लाट संख्या 1137 में 15.08 डिसमिल जमीन बेची गयी. इसमें सुभाष चंद्र मुनका का भी नाम शामिल है. यह जमीन सुरेश नाग यादव और माधुरी यादव के नाम से खरीदी गयी है. 

 


 

दूसरे डीड में चंद्रकांत गोपालका व अन्य ने 20 डिसमिल जमीन बेची

 

अस्पताल को लेकर दूसरी डीड टोरेंट सिक्यूरिटीज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक चंद्रकांत गोपालका, उर्मिला देवी बागड़िया, हेमंत साबू और रमेश कुमार अग्रवाल के द्वारा बतौर सेलर्स 20 डिसमिल जमीन बेची गयी है.  यह जमीन मां राम प्यारी आर्थो हास्पीटल रीसर्च सेंटर प्राइवेट लिमिटेड के नाम से ली गयी है. इसमें सुरेश नाग यादव और स्वर्गीय गोपाल नाग यादव का भी नाम शामिल है. इस डीड के अनुसार खाता संख्या 162 के प्लाट नंबर 1137 के 14.35 डिसमिल और खाता 161 के प्लाट संख्या 1138 में 5.47 डिसमिल जमीन ली गयी. यहां आपको बताते चलें कि दोनों डीड के मार्फत खरीदी गयी जमीन की दाखिल खारिज भी नहीं हो सकी है. फिर भी यहां पर बहुमंजिली अस्पताल का निर्माण पूरा कर लिया गया. 

 

खाता 160, 161, 162 के मूल रैयत हैं बुकना मुंडा (अब स्वर्गीय)

 

सूत्रों के अनुसार बड़गाई अंचल के मोरहाबादी मौजा के खाता 160, 161, 162 औऱ् अन्य प्लाट भुंईहरी नेचर की जमीन हैं. इसके मूल रैयत बुकना मुंडा(अब स्वर्गीय) हैं. बुकना मुंडा स्वर्गीय बिरसा मुंडा के बेटे हैं. बुकना मुंडा के तीन बेटे में से एक महरंग मुंडा के नाम से अब भी इन प्लाटों की लगान रसीद कटती है. इसी परिवार से आनेवाले कृष्णा ने बताया कि हमारी जमीन खाता 80 में भी है, जो कायमी जमीन है. इसका कागज दिखाकर भुंईहरी जमीन की अवैध खरीद-बक्रिी की गयी. उनके अनुसार खाता 160 की जमीन महरंग मुंडा के नाम से दी गयी है. वहीं खाता 161 की जमीन जगराम मुंडा और खाता 162 की जमीन जुना मुंडा के नाम से बांट दी गयी है.
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