मुस्लिम मजलिस-ए-उलेमा के तत्वावधान ईमाम-उल-हिंद कांफ्रेंस में विश्विद्यालय बनाने की उठी मांग
रांची: भारत में उच्च शिक्षा मौलाना आजाद की देन है. उन्होंने यूजीसी जैसे अन्य संस्थाओं की स्थापना कर शिक्षा को बढ़ावा दिया. मौलाना अबुल कलाम आजाद जिन्ना के टू नेशन थ्योरी के प्रबल विरोधी थे. यह बातें मौलाना आजाद के जन्मदिवस को लेकर मेन रोड स्थित रहमानिया मुसाफिरखाना में शनिवार को मुस्लिम मजलिस-ए-उलेमा के तत्वावधान में आयोजित ईमाम-उल-हिंद कांफ्रेंस में जेएमएम महिला अध्यक्ष डॉ. महुआ मांझी ने कही. उन्होंने कहा कि जब मौलाना आजाद की मृत्यु के बाद उनके अलमीरा को खोला गया तो कोई धन नहीं, दुर्लभ पुस्तकें मिलीं. यहीं उनकी संपत्ति थी. हमें शिक्षा को बढ़ावा देकर मौलाना आज़ाद के सपनों को साकार करना है. इसलिए मौलाना अबुल कलाम आजाद के नाम विश्वविद्यालय के निर्माण का मामला मुख्यमंत्री के समक्ष रखेंगी. वहीं, श्री महावीर मंडल रांची के अध्यक्ष जयसिंह यादव ने रांची में मौलाना अबुल कलाम आजाद के नाम विश्विद्यालय के निर्माण का प्रस्ताव लाया.जिसे सभा में पारित किया गया. जयसिंह ने कहा कि जब डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम से विश्विद्यालय हो सकता है तो मौलाना अबुल कलाम आजाद के नाम पर क्यों नहीं? मौलाना आजाद मुसलमानों के नहीं बल्कि हिंदुस्तान के लीडर थे. इसलिए उन्हें मुसलमानों का लीडर कहना गलत है. वहीं, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अमानत अली अंसारी ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने जिस हिंदुस्तान का सपना देखा था वह पूरा होते नहीं दिख रहा है. पूर्वजों के सपनों का हिंदुस्तान बनाने के लिए हमें एक होकर आगे आना होगा. कार्यक्रम में विभिन्न धर्म और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन सुहैल सईद ने किया.
मदरसा इस्लामिया के निर्माण में हिंदू ने भी खूब मदद की, बदहाल हो गया
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मुफ्ती अब्दुल्लाह अजहर कासमी ने ने कहा कि मौलाना ने पूरे देश में जिस मदरसा इस्लामिया ही ऐसी इमारत है जिसका निर्माण खुद कराया. इसे बनाने में अपना सबकुछ न्यौछावर कर दिया. मुस्लिमों में साथ हिंदू भाइयों ने भी मदद करने के साथ इसके मिलकर इसका निर्माण किया. मगर अफसोस की बात है कि सरकार और रांची के लोगों के गफलत के कारण यह धरोहर अपनी खस्ताहाली पर रो रहा है. आरजेडी उपाध्यक्ष राजेश यादव ने कहा कि मौलाना का मानना था कि जब तक हम शिक्षित नहीं होंगे अपने अधिकारों के लिए लड़ नहीं सकते. सीपीआई के अजय सिंह ने भी रांची में मौलाना आजाद के नाम विश्विद्यालय बनाने की वकालत की.
राज्यपाल से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल
कार्यक्रम में मौलाना शाकिर इस्लाही, नौशाद खान, मरियम फातिमा, शमीम अख्तर, अब्दुल खालिक और अब्दुल मन्नान ने भी अपनी बात रखी. कार्यक्रम में तय हुआ कि मुस्लिम मजलिस-ए-उलेमा के बैनर तले एक शिष्टमंडल राज्यपाल से मिलकर मौलाना अबुल कलाम आजाद के नाम विश्वविद्यालय बनाने की मांग करेगा. साथ ही दिसंबर माह के अंत में मौलाना अबुल कलाम के नाम गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा. कॉन्फ्रेंस में धन्यवाद ज्ञापन सागर कुमार ने दिया.