न्यूज11 भारत
रांची रिंग रोड परियोजना अतिरिक्त-।। अन्तर्गत पड़ने वाले मौजा-हेसल, कोईलारी और नेवरी में अधिग्रहित की गई जमीन के गैरमजरूआ मालिक के बीच मुआवजा राशि बांटने की तैयारी तेज हो गई है. गैरमजरूआ मालिक से संबंधित भू-धारियों को मुआवजा देने के लिए उनके राजस्व कागजातों एवं दावेदारी की जांच की जाएगी. इसको लेकर जिला भू अर्जन पदाधिकारी की ओर से संबंधित मौजों के भू-धारियों से कहा गया है कि सभी संबंधित कागजातों ( बंध-पत्र, भापथ-पत्र मूल में एवं खतियान/डीड, लगान रसीद (अद्यतन), आधार कार्ड, परिचय-पत्र की मूल एवं छाया प्रति, बैंक खाता की छाया प्रति एवं पेन कार्ड की छाया प्रति (यदि उपलब्ध हो) के साथ निर्धारित स्थान पर उपस्थित हों. अपने दस्तावेज का सत्यापन कोविड-19 के दुष्प्रभाव के मद्देनजर निर्धारित सभी मापदंडो का अनुपालन करते हुए कराएं. संबंधित राजस्व उप निरीक्षक ग्रामसभा में पंजी-।। एयर खतियान के अलावा अन्य आवश्यक पंजी के साथ उपस्थित रहेगें.
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कब और किस अंचल में कहां होगी ग्राम सभा
- 22 नवंबर को अनगड़ा अंचल के हेसल मौजा के लिए पंचायत भवन, हेसल में ग्राम सभा होगी.
- 23 नवंबर को कांके अंचल के नेवरी मौजा के लिए अंचल कार्यालय कांके में ग्राम सभा होगी.
- 24 नवंबर को ओरमांझी अंचल के कोईलारी मौजा के लिए अंचल कार्यालय ओरमांझी में ग्राम सभा होगी. नोट:- तीनों ग्राम सभा का आयोजन दिन के 3:00 बजे से होगा
3.61 करोड़ मुआवजा नहीं बंट सका
रांची के रिंग रोड परियोजना के लिए जमीन का अधिग्रहण हुआ मगर गैरमजरूआ मालिक रहने की स्थिति में 3, 61, 662 रुपए का भुगतान नहीं हो पाया, इसलिए ग्रामसभा के माध्यम से गैरमजरूआ मालिक से संबंधित भू-धारियों के दस्तावेज की जांच ग्राम सभा का आयोजन कर जिला प्रशासन करने की तैयारी में जुट गया है. जानकारी के अनुसार 1 एकड़ से अधिक गैरमजरूआ मालिक नेचर की जमीन का मामला सामने आ चुका है.
जांच के लिए डीसी ने बनाई है 5 सदस्यीय कमिटी
गैरमजरुआ खास मालिक प्रकृति की जमीन की जांच के लिए डीसी के द्वारा पूर्व में ही 5 सदस्य कमिटी बनाई गई है. कमिटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर ही ऐसे जमीन में रहने वाले लोगों को रैयत घोषित किया जाएगा. रैयतीकरण के बाद मालिकों को एनएचएआई एक्ट के अनुसार मुआवजा का भुगतान होगा. मालूम हो कि वैसी जमीन जो सर्वे में किसी भी रैयत को तत्कालीन जमींदार द्वारा बंदोबस्त नहीं की गई है, उसे गैरमजरूआ मालिक जमीन कहते हैं.