चाईबासा: सड़कों के निर्माण पर जिले में हर साल करोड़ों रुपए खर्च होते हैं, लेकिन आज भी कितने ही ऐसे गांव हैं जहां सड़कें ही नहीं है और इसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. मझगांव विधानसभा क्षेत्र के मंझारी प्रखंड के एक गांव की तस्वीर को देखकर आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं के गांव और सड़कों की क्या हालत है.
शनिवार को मंझारी प्रखंड के इपिलसिंगी पंचायतत अंतर्गत पड़ने वाले जोजोबेड़ा गांव में एक गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए गांव की महिलाओं ने गोद में उठाकर एक किलोमीटर दूर एंबुलेंस तक पहुंचाया. इसके बाद वह अस्पताल पहुंच सकी. इपिलसिंगी पंचायत अंतर्गत संग्रामबासा से जोजोबेडा तक की सड़क पूरी तरह जर्जर और कीचड़युक्त हो गयी है. गाड़ी चलना तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल है. यहां के लोगों ने बहुत बार विधायक से सड़क बनवाने की मांग की, लेकिन ग्रामीणों को चुनावी आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला.
शनिवार को दोपहर में जोजोबेड़ा निवासी दिनेश तामसोय की पत्नी मालती तामसोय अचानक प्रसव पीड़ा से छटपटाने लगी. कई बार सरकारी एम्बुलेंस 108 पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया. प्रसव पीड़ा से छटपटाता देख परिजनों ने प्राइवेट गाड़ी मंगवायी, मगर बारिश की वजह से सड़क इतना कीचड़मय हो गयी है कि गाड़ी भी उसमें फंस गयी. किसी को कोई उपाय नहीं सूझा तो गांव की महिलाएं मालती तामसोय को गोद में उठा कर करीब एक किलोमीटर तक पैदल चलकर वाहन तक ले गयीं. इसके बाद उसे सदर अस्पताल चाईबासा में लाकर भर्ती करवाया गया. मालती की किस्मत अच्छी रही कि इतनी परेशानियों के बाद भी उसने अस्पताल में एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया और खुद भी सुरक्षित है.