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रांची: देश में 12 दिन बाद दिवाली है और शहर के विभिन्न कुम्हार कॉलोनी और कुम्हार घरों में चहल पहल नज़र आने लगी है. कुम्हारों ने दिए, बत्ती, चुक्का, मिट्टी के खिलौने और बर्तन तैयार करने में जुट गए हैं. कुम्हारों का चाक लगातार घूम रहा है. पिछले साल कोरोना की वजह से कुम्हार परिवार की रोजी रोटी पर बन आई थी. कारीगर भूखमरी के कगार पर आ गए थे. मगर इस बार कुम्हारों को दिवाली से काफी उम्मीद है. क्योंकि इस बार बड़े पैमाने पर दीए और मिट्टी के अन्य बर्तनों के ऑर्डर मिलने शुरू हो चुके हैं.
आर्डर मिलने से परिवार में उमंग और खुशियों
दिया बनाने वाले कुम्हार लखन ने बताया कि पिछले साल कोरोना की वजह से एक भी कमाई नहीं हो पाई थी. दिवाली का त्योहार रोशनी का होता है मगर हमारे घर अंधेरा पसरा हुआ था. त्यौहारी समय में सब खुश और उत्साह में थे पर हमारे घर पर मायूसी छाई हुई थी. लेकिन इस बार हालात पहले के मुकाबले एकदम अलग हैं. मिट्टी के बर्तनों और दिया के ऑर्डर मिलने से परिवार में उमंग और खुशियों का माहौल बन गया है.
इस बार की दिवाली उम्मीदों वाली
नया टोली स्थित कुम्हार मोहल्ला के रामू रवि का कहना है कि इस बार की दिवाली उम्मीदों वाली दीवाली है. हालांकि अभी हम लोग भी सस्पेंस में है कि इस बार दिवाली बाजार कैसी होगी. लेकिन इस बार के पूजा बाज़ार को देखते हुए उम्मीद तो है, इसलिए हमने तैयारी शुरू कर दी है और हमलोग सालभर से तैयारी कर रहे हैं. अब देखने वाली बात ये है कि इस साल पब्लिक दिवाली बाजार के लिए जुड़ती है या नहीं.