न्यूज 11 भारत
रांची: झारखंड के सभी गरीबों और जरूरतमंदों को सरकारी ब्लड बैंक से मुफ्त ब्लड मिलेगा. इसको लेकर स्वास्थ, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा संकल्प जारी किया गया है. इसके माध्यम से राज्य के निजी और सरकारी अस्पताल में इलाजरत गरीब एवं जरूरतमंद मरीजों को जरूरत पड़ने पर सरकारी अस्पताल के ब्लड बैंक के माध्यम से मुफ्त ब्लड दिया जाएगा. ब्लड को लेकर जो कालाबाजारी चल रही है उस पर अंकुश लगाने की कार्रवाई के तहत विभाग ने यह संकल्प जारी किया है. दरअसल पिछले 06 महीने से झारखंड में प्रतिदिन लगभग 900 यूनिट ब्लड (रक्त) रक्तदान के माध्यम से राज्य को मिल रहा है. राज्य में आम लोगों को सरल एवं सुगम तरीके से जरूरत के वक्त ब्लड की आपूर्ति करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक संकल्प जारी किया गया. स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह की ओर से जारी किए गए इस संकल्प के अनुसार आम लागों को राहत देने और निजी ब्लड बैंकों ब्लड शिविर लगाने सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं.
सोशल मीडिया में हो रहा गलत प्रचार
विभाग की ओर से जारी संकल्प का हवाला देकर सोशल मीडिया में गलत ढंग से प्रस्तुत करने और सरकार की छवि खराब करने के उद्देश्य से गलत ढंग से इसका प्रचार-प्रसार करने का मामला सामने आया है. संचार के कई माध्यमों से आम लोगों को दिग्भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है. ऐसे में विभाग ने आम लोगों से अपील है कि इस तरह की अफवाहों पर ध्यान ना दें. राज्य के आम नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के उद्देश्य से यह संकल्प तैयार किया गया है. स्वैच्छिक रक्तदान के लिए आम नागरिक हेल्पलाइन नंबर 104 पर संपर्क कर सकते हैं.
क्या है संकल्प में
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इस प्रकार की शिकायतें आईं थी सामने
-सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को सरकारी रक्त केन्द्रों के माध्यम से निःशुल्क रक्त उपलब्ध कराया जाता है. मगर सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को जरूरत के दौरान प्रोसेसिंग शुल्क देकर निजी रक्त केन्द्रों से रक्त यूनिट प्राप्त करनी पड़ती है.
- आयुष्मान पैनल में शामिल निजी अस्पताल/नसिंग होम्, सरकारी रक्त केंद्र से निःशुल्क रक्त यूनिट लेते हैं और आयुष्मान योजना में एक यूनिट रक्त के लिए 2000 (दो हजार रुपये) का दावा करते हैं.
- कई निजी अस्पताल एवं निजी नर्सिग होम, सरकारी रक्त केंद्रों से नि:शुल्क रक्त लेने के बाद भी बीमा कंपनियों से रक्त यूनिट के शुल्क का दावा कर रहे हैं.
यह लिया गया निर्णय
-सरकारी अस्पतालों के मरीजों के लिए सरकारी रक्त केन्द्रों द्वारा निशुल्क रक्त इकाई उपलब्ध कराई जाएगी.
-आयुष्मान योजना या किसी अन्य बीमा कंपनी से सूचीबद्ध निजी अस्पताल/ नर्सिंग होम, सरकारी रक्त केंद्र से NBTC/SBTC के दिशा-निर्देश के अनुसार शुल्क देकर रक्त यूनिट ले सकते हैं.
-निजी अस्पताल/ नर्सिंग होम अगर सरकारी रक्त केंद्र से नि:शुल्क ब्लड लेते हैं तो उन्हें अन्डरटेकिंग देनी होगी कि चिकित्साधीन मरीज आयुष्मान योजना या किसी अन्य बीमा कंपनी में सूचीबद्ध नहीं है. मरीज अत्यंत गरीब है. अन्यथा NBTC/SBTC के दिशा निर्देश के अनुसार प्रोसेसिंग चार्ज देकर निजी अस्पताल रक्त इकाई ली जा सकती है.
-प्रत्येक निजी अस्पताल के द्वारा अपने मरीजों के लिए रक्त की मांग के अनुसार रक्त शिविरों का आयोजन कर संलग्न रक्त केंउर के सहयोग से रक्त संग्रह नियमित रूप से करना अनिवार्य होगा.
-निजी अस्पताल के द्वारा अगर रक्तदान शिविर नहीं लगाया जाता है तो कालांतर में उक्त अस्पताल को रक्त नहीं देने संबंधी निर्णय पर विचार किया जा सकता है.
-झारखड राज्य एड्स नियंत्रण समिति के द्वारा राज्य में रक्त यूनिटों की आवश्यकता के आधार पर सरकारी एवं निजी अस्पतालों के द्वारा किए जाने वाले रक्त संग्रहण का माहवार लक्ष्य निर्धारित करते हुए मासिक समीक्षा की जाएगी, जिसका मासिक प्रतिवेदन विभाग को समर्पित किया जाएगा.
-सभी सिविल सर्जन एवं रक्त केन्द्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देशित किया जाता है कि उपरोक्त आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कराना सुनिश्चित करेंगे.
- सभी उपायुक्त अपने स्तर से समय-समय पर रक्त केन्द्रों की समीक्षा कर आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराएंगे.