न्यूज11 भारत
रांची: राजनीति में रंगों का इतना महत्व है कि अब तक देश ने इसके कई रंग देख लिए. बात करे यदि झारखंड की राजनीति की तो इन दिनों यहां भी भगवा टी-शर्ट को लेकर सियासत गर्म है. बता दें झारखंड बजट सत्र में नियोजन नीति को लेकर सरकार को चारो ओर से घेरने की रणनीति में जुटे बीजेपी के विधायक पिछले तीन दिनों से 60-40 नाय चलतो नारा लिखा केसरिया टी-शर्ट पहन कर सदन में आ रहे हैं.
इसे लेकर बुधवार को सदन में सत्ता पक्ष के लोगों ने विरोध जताया तो वहीं दूसरी पाली में काफी हो-हल्ला भी हुआ. इसके बाद सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित भी हुई़ स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने एक नियमन देते हुए इन बीजेपी विधायकों से आग्रह किया कि स्लोग्न लिखा टी-शर्ट पहन कर नहीं आयें. सदन का मान रखें. साथ ही उन्होंने विधायकों से गरिमा के अनुरूप आचरण का आग्रह किया है.
बता दें बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने भाजपा विधायकों के नारा लिखे टी-शर्ट पहन कर आने पर नाराजगी जतायी. उन्होंने कहा रोज-रोज इस तरह की टी-शर्ट पहन कर आना सही नहीं. साथ ही उन्होने कहा कि यह सदन की गरिमा के अनुरूप नहीं है. उन्होंने कहा कि मर्यादा में रहने दीजिए़ सदन की कार्यवाही को छिछला मत बनाइये.
इसके बावजूद बजट सत्र के दसवें दिन भी बीजेपी विधायको का हंगामा बरकरार रहा. झारखंड विधानसभा बजट सत्र में आज दसवें दिन गुरुवार को भी सदन की कार्रवाही जोरदार बहस के भेंट चढ़ती नजर आ रही है. बता दें होली अवकाश के बाद से ही बीजेपी हेमंत सरकार को नियोजन नीति के मुद्दे पर घेरती नजर आ रही है. सदन में लगातार बीजेपी नेताओं का प्रदर्शन और हो हल्ला के बीच कार्रवाही लगभग बाधित रही.
वहीं आज भी राज्य सरकार की नई नियोजन नीति को लेकर प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी का आज भी हल्ला बोल जारी है. तो वहीं स्पीकर के आग्रह के बावजूद बीजेपी विधायक स्लोगन लिखे भगवा टीशर्ट में सदन पंहुचे. सदन के बाहर बीजेपी के विधायकों ने प्रदर्शन किया. वहीं स्पीकर के नियमन के बावजूद 1932 लिखा हुआ t-shirt पहनकर पहुंचे बीजेपी विधायकों ने आरोप लगाया है कि सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं स्पीकर. बता दें कि केसरिया टी-शर्ट पर 1932 लिखे हुए होने के कारण स्पीकर ने पहले ही आपत्ति जताई थी.
वहीं विभागीय मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा इसके पीछे विपक्ष की साजिश करार दिया. इस मुद्दे पर बीते बुधवार को पक्ष और विपक्ष में तीखी बहस हुई जिसमें स्पीकर ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि यह सबका उत्तरदायित्व है पक्ष-विपक्ष दोनों की जिम्मेवारी है कि सदन की कार्रवाही चले. जैसा मन करे, वैसा ना आएं आगे उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों की विधानसभा में जो चीजें हो रही है वह हम ना करें. साथ ही स्पीकर ने कहा कि इस फर्क को कमजोरी ना समझियेगा. वाद-विवाद होना चाहिए परंतु विरोध का भी एक तरीका होता है लेकिन जैसा आप कर रहे हैं यह सही नहीं है.
इसके साथ ही स्पीकर ने सभी सदस्यों से आग्रह किया है कि सदन में सदस्यों का आचरण सर्वोपरि है. इसके बाद वहीं भाजपा के मुख्य सचेतक विरंची नारायण ने कहा साढ़े तीन करोड़ जनता उम्मीद से देख रही है यह स्पीकर की मनमानी है. स्पीकर कोई गलत निर्णय देंगे, तो उसका भी विरोध होगा. आगे नारायण ने कहा कि एक सदस्य विशेष के दबाव में स्पीकर यह निर्णय ले रहे है. इसके बाद विरंची ने कहा कि विशेष सत्र के दौरान जिस दिन 1932 खतियान का प्रस्ताव पारित हुआ था, उस दिन मुख्यमंत्री और संसदीय कार्यमंत्री के सीट के सामने भी नारा टंगा था, तब स्पीकर कहां थे.
तब उन्होंने आपत्ति क्यों नहीं जतायी थी. भाजपा के मुख्य सचेतक ने कहा कि विधानसभा के कार्य संचालन नियमावली में ऐसा कोई उल्लेख नहीं है कि विधायक स्लोग्रन लिखा टी-शर्ट पहन कर नहीं आ सकते है. नारायण ने आगे कहा कि सदन नियम-परिनियम से चलना चाहिए़ भाजपा किसी भी अलोकतांत्रिक निर्णय का विरोध करेगी.
बता दें सदन में कुछ नियम कायदे है जिनमें अपना कोट बांह पर लटका कर प्रवेश करना, सदन में अपना हैट डेस्क पर रखना, सदन में धूम्रपान करना, सभा में नारे लगाना, सभा में अपने स्थान पर झंडा या कोई प्रतीक लगाना, सभा में वाद-विवाद के दौरान कोई चीज दिखाना या प्रदर्शित करना वर्जित है.