झारखंडPosted at: अक्तूबर 21, 2021 पुलिस की लापरवाही, नाबालिग की बदहाली
अनाथ नाबालिग को सात साल तक जेल में रखने का मामला पहुंचा HC
रांची: झारखंड हाईकोर्ट में गुरुवार को हत्या के एक मामले में नाबालिग को करीब आठ साल से जेल में बंद रखने का मामला सामने आया है. वरीय अधिवक्ता अनूप अग्रवाल ने इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की है. अनूप ने याचिका में कहा है कि पुलिस की गलती की वजह से एक अनाथ नाबालिग करीब सात साल तक जेल में रहा और अभी वह रिमांड होम में बंद है जबकि जूवेनाइल जस्टिस एक्ट के (जेजे एक्ट) अनुसार नाबालिग को अधिकतम तीन साल की सजा दी जा सकती है, लेकिन वह करीब आठ साल से जेल में बंद है. अनूप ने बताया कि पुलिस की लापरवाही के कारण इस मामले में अभी ट्रायल भी नहीं शुरू हुई है. पुलिस की गलती की वजह से नाबालिग का बचपन, पढ़ाई सभी बाधित हो गए हैं. पढ़ाई नहीं होने की वजह से उसे अब नौकरी नहीं मिलेगी.
याचिका में अनूप ने कोर्ट से राज्य सरकार की ओर से उसके जीवनयापन करने के लिए उचित मुआवजा दिए जाने की गुजारिश की है. नाबालिग बोकारो का रहने वाला है. उसके माता-पिता की मौत हो गई है जिसके बाद वह रांची अपने चाचा के यहां रहने आया था. इस दौरान कुछ लड़कों के साथ उसकी दोस्ती हुई. इस दौरान नाबालिग पर एक व्यक्ति की हत्या का आरोप लगा. इस मामले में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर बालिक बताकर जेल भेज दिया था. सात साल तक वह जेल में रहा. फिलहाल एक साल से रिमांड होम में बंद है.