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रांची: ओडिशा के बालासोर जिले में हुए ट्रेन हादसे की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में जांच आयोग गठित करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग को लेकर एक जनहित याचिका शीर्ष अदालत में दायर की गई है. इसमें दुर्घटना से बचाने वाले 'कवच सिस्टम को जल्द से जल्द लागू करने की मांग की गयी है.
बता दें, ओडिशा के बालेश्वर में हुए ट्रेन हादसे में 275 लोगों की मौत हो गई, जबकि 1000 से ज्यादा लोग घायल हो गए. यह हादसा बाहानागा बाजार स्टेशन पर तीन ट्रेनों बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, कोरोमंडल एक्सप्रेस और मालगाड़ी के आपस में टकराने की वजह से हुआ था.
इस हादसे को लेकर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण यह दुर्घटना हुई है. वही, पीएम ने एक ट्वीट में कहा, 'ओडिशा में दुर्घटनास्थल पर स्थिति का जायजा लिया. शब्द मेरे गहरे दुख को व्यक्त नहीं कर सकते. हम प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. मैं उन सभी लोगों की सराहना करता हूं जो चौबीसों घंटे जमीन पर काम कर रहे हैं और राहत कार्य में मदद कर रहे हैं.'
जल्द सामने आ जाएगी जांच रिपोर्ट
याचिका में कहा गया है कि शीर्ष अदालत के एक रिटायर्ड जज की अध्यक्षता वाले जांच आयोग को दो महीने में अपनी जांच पूरी कर दुर्घटना के मूल कारण की जांच करने की कोशिश करनी चाहिए और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपनी रिपोर्ट देनी चाहिए.
तिवारी ने अपनी याचिका में कहा है कि वह रेलवे दुर्घटना सुरक्षात्मक उपायों को लागू करने और भविष्य में दुर्घटनाओं से बचने के लिए ऐसे उपायों को मजबूत करने और संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार की रक्षा के लिए सरकार से विशेष दिशा-निर्देश मांग रहे हैं. पिछले तीन दशकों में देश में हुई रेल दुर्घटनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने इस तरह के टकरावों और दुर्घटनाओं के खिलाफ सुरक्षा प्रवर्तन तंत्र विकसित करने में धीमी गति से काम किया है.