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रांचीः ऐसा फूडी शायद ही होगा जिसे मोमोज पंसद नहीं होगा, हम आपकी बात नहीं कर रहे...ऐसे बहुत से फूडीज होंगे जिसे मोमोज पंसद होंगे या ना भी हो, लेकिन कई लोगों के मुंह में मोमोज का नाम सुनते ही पानी आने लगता है.उसके चटपटी और तीखीं चटनी का टेस्ट पहले ही दिमाग में आने लगता है. कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन में जब सारी दुकाने बंद थी और शहर के सभी इलाके वीरान थीं स्ट्रीटफूड्स का बिकना पूरी तरह बंद हो गया था तो आपने अपने घरों में मोमोज के अलावे कई फूड बना कर खाए होंगे. लेकिन अगर आप मोमोज के बहुत शौकीन है तो सावधान हो जाइए! क्योंकि आपके लिए एक शॉकिंग न्यूज है. हाल ही में एक ऐसी खबर सामने आई है जिसने मोमोज खाने वालों को डरा दिया है.
चबा-चबाकर खाने की वॉर्निंग
जानकारी के अनुसार, गलत तरीके से मोमोज खाने की वजह से दिल्ली में एक 50 साल के शख्स की मौत हो गई. मोमोज के कारण दम घुटने और उससे न्यूरोजेनिक कार्डिएक अरेस्ट आने की वजह से शख्स की मौत हो गई. व्यक्ति की पोस्टमॉर्टम सीटी रिपोर्ट के मुताबिक, उसके स्वांसनली में कुछ फंस जाने की वजह से शख्स की मौत हुई हालांकि ऐसा सिर्फ मोमो खाने से नहीं, बल्कि खाने की किसी चीज की स्वांस नली में फंस जाने से भी हो सकता है इस मामले में 'एम्स' ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि ऐसा कॉमन नहीं हैं. वहीं इस घटना के बाद ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) ने मोमोज को जल्दबाजी में निगलने के बजाय ठीक से चबा-चबाकर खाने की वॉर्निंग जारी की है.
मोमो के फंस जाने से हुई मौत
एम्स के फोरेंसिक डिपार्टमेंट बताया कि, 50 साल के शख्स की मौत मोमो फंस जाने की वजह से हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक, एक डॉक्टर ने बताया कि खाना कभी-कभी फूड पाइप में जाने के बजाय श्वांसनली में चला जाता है. ऐसा नॉर्मल कंडीशन में भी हो जाता है. डॉक्टर ने बताया कि सिर्फ मोमो खाते वक्त ही नहीं बल्कि ऐसा कुछ और खाते वक्त भी हो सकता है. इसलिए निगले के बजाय चबाना बेहद जरूरी है. डॉक्टर ने बताया कि अगर छोटा सा भी कोई कण श्वांसनली में चला जाए तो कफ रिफलैक्स इसको तुरंत बाहर करता है. मोमो से मौत होने वाली घटना रेयर है लेकिन ऐसा पॉपकॉर्न, नट्स, कैंडी या च्यूइंगम खाते वक्त भी हो सकता है. खाना खाते वक्त अगर आप बात कर रहे या हंस रहे, तो भी खाना फंस सकता है.