न्यूज11, भारत
रांचीः झारखंड में कोविड-19 एसओपी और सख्ती के बावजूद हजारों लोगों ने प्रमुख नदियों और जलाशयों में मकर संक्रांति के दिन लगायी डुबकी. राज्य की राजधानी रांची, बोकारो, दुमका, साहेबगंज, जमशेदपुर और पाकुड़िया गर्म कुंड में हजारों लोगों ने मकर संक्रांति को लेकर दो दिनों तक स्नान, ध्यान कर अपने ईष्ट देवी-देवताओं को याद किया. रांची के सुवर्णरेखा नदी, कांके के पोटपोटो नदी, जलाशयों में भारी ठंडके बीच महिलाओं और पुरुष श्रद्धालुओं ने डुबकी लगायी. बोकारो और धनबाद में बराकर और दामोदर नदी में लोगों की भारी भीड़ देखी गयी. यहां पर कोरोना के नियमों को धत्ता बता कर लोग भारी संख्या में जुटे और पूजा अर्चना की. दामोदर नदी तट पर माघ मेला भी लगाया गया.
वहीं राज्य के संताल परगना इलाके के पाकुड़िया स्थित गर्म कुंड में भी बंगाल, बिहार और राज्य के हजारों लोगों ने स्नान किया. पाकुड़िया के गर्म कुंड में नहाने से यह मान्यता है कि शारीरिक बीमारियां चली जाती है. यहां पर जनजातीय समाज के अलावा भारी संख्या में बंगाल और राज्य के लोगों ने शिरकत की. मेले के अलावा लोगों के हुजूम को धार्मिक संगठनों की तरफ से संदेश भी दिया गया. श्रद्धालुओं ने महादेव, भगवान सूर्य, राम, कृष्णा आदि देवताओं की पूजा पारंपारिक विधि-विधान से की. श्रद्धालुओं ने तुलसी पिंड से निर्मित सैकड़ों पूजा स्थलों पर त्रिशूल और झंडा गाड़ कर फल, फुल, बेलपत्र, मिष्ठान्न आदि चढ़ाया.
कोरोना के तीसरे संक्रमण काल में जहां सभी जिलों में रात्रि आठ बजे से सुबह छह बजे तक रात्रि कर्फ्यू लगा हुआ है. वैसी स्थिति में भी लोग नदी, तालाबों तक पहुंचे. दो गज की दूरी से लेकर मास्क नहीं लगाये श्रद्धालुओं ने भगवान सूर्य और अन्य देवताओं को अर्घ्य दिया और पूजा की. पुलिस प्रशासन की तरफ से इन श्रद्धालुओं को भीड़ नहीं लगाये जाने की चेतावनी भी दी गयी. बताते चलें कि राज्य में प्रति दिन चार हजार से अधिक लोग कोरोना संक्रमित हो रहे हैं, वहीं 50 फीसदी संक्रमित लोग ठीक भी हो रहे हैं.