न्यूज11 भारत
रांचीः कोरोना महामारी के दौरान लोगों ने स्वच्छता पर ध्यान दिया तो मलेरिया के मामले कम हो गए. साल 2021 में जिले में केवल एक मलेरिया का मरीज मिला. 2020 में मलेरिया का ग्राफ जीरो था. 2017 के बाद जिले में मलेरिया का ग्राफ लगातार गिरता गया है. यह स्वास्थ्य विभाग के मलेरिया विंग के प्रयास और लोगों का मच्छर जनित बीमारियों के प्रति जागरुकता से संभव हो पाया है.
बता दें कि मलेरिया मादा एनाफिलिस नामक मच्छर के काटने से फैलता है. मलेरिया के मच्छर रुके गंदे पानी में पनपता है और रात के समय काटता है. लोगों को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस के रूप में मनाता है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक कर इस बीमारी से बचाया जा सके. पांच-छह सालों में मलेरिया के प्रति लोग जागरूक भी हुए हैं. आज स्थिति यह है कि आठ साल पहले जहां जिले में मलेरिया का प्रकोप था, रोजाना दो से तीन लोग इसकी चपेट में आ रहे थे, वहां अब दो साल में महज एक केस सामने आया है.
5-6 का मलेरिया का रिकार्ड
2021-1
2020-0
2019-47
2018-69
2017-190
2016-179
क्या है मलेरिया के लक्षण
चिकित्सकों के मुताबिक ठंड लगता, कंपकंपी, सिर दर्द, उल्टी एवं चक्कर आना, तेज बुखार एवं अत्यधिक पसीने के साथ बुखार का कम होना, जी मचलाना आदि है.
इसका रखें ध्यान
अपने आसपास कहीं पर भी पानी ना इकट्ठा होने दें.
बारिश होने से पहले घर की छत पर पड़े टायर या फिर गमलों को पूरी तरह से ढक दें ताकि उनमें पानी इकट्ठा न हो पाए
पेस्ट कंट्रोलिंग से महीने में एक बार घर के आसपास छिड़काव जरूर करवाएं
कूलर के पानी को नियमित रूप से बदलते रहें.
घर के फर्श और आसपास की जगह को फिनॉयल जैसे कीटाणुनाशक से साफ करते रहें.
अगर आप किसी ऐसे क्षेत्र में रह रहे हैं जहां पर बहुत ज्यादा मच्छर हैं तो रात को सोते समय मच्छर मारने वाली क्वाइल या फिर मच्छरदानी लगाकर सोएं.
बारिश के दिनों में ऐसे कपड़े पहनें जिससे हाथ और पैर पूरी तरह से ढके रहें ताकि मच्छर आपको काटे ना
कहीं बाहर की यात्रा करने के दौरान साफ पानी पिएं