न्यूज11 भारत/शशि तिग्गा
रांची: रिम्स में दूरदराज से इलाज की उम्मीद लेकर आने वाले मरीजों पर डॉक्टर को बिल्कुल भी तरस नहीं आ रहा है. बीमार मरीजों के इलाज के लिए भागदौड़ करने वाले परिजनों को कुछ डॉक्टर परेशान करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. डॉक्टर के ऐसे ही रवैया का शिकार हुए है गिरीडीह के रहने वाले बेंखलाल प्रसाद. दरअसल, बेंखलाल अपनी मां को इलाज के लिए ओपीडी से एक दिन पहले ही अस्पताल ले आए थे. क्योंकि उनकी मां की स्थिति गंभीर हो चुकी थी और वह ओपीडी के लिए इंतजार करने की अवस्था में नहीं थी और उन्हें उम्मीद थी की मां की स्थिति को देखते हुए इमरजेंसी में डॉक्टरों द्वारा तुरंत उपचार शुरू कर दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
इमरजेंसी में तैनात डॉक्टरों ने ऑर्थो ओपीडी में जाकर दिखाने की सलाह दी. जिसके बाद वह अपनी बेसुध पड़ी मां को किसी प्रकार ऑर्थो ऑपीडी लेकर पहुंचा. लेकिन वहां भी डॉक्टरों ने ऑपरेट करने से यह कह कर इंकार कर दिया कि आज के दिन ऑर्थो की ओपीडी नहीं है. जिसदिन ओपीडी होगी उस दिन पर्ची कटाकर मरीज को लेकर आएं.
रिक्वेसट करने पर भी नहीं माने डॉक्टर
डॉक्टरों के इस रवैए को देखते हुए बेंखलाल ने रिम्स में कार्यरत डालसा प्रतिनिधि से मदद मांगी. मरीज की स्थिति को देखते हुए डालसा प्रतिनिधि ने मदद करने के लिए इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर को कई बार कहा पर डॉक्टरों ने एक नहीं सुनी और मरीज बिना इलाज के ही वापस लौट गए. डालसा प्रतिनिधि अनिता देवी ने बताया कि मरीज की स्थिति बहुत खराब हो चुकी थी. उसे तुरंत इलाज की जरूरत थी, लेकिन डॉक्टरों ने देखने से मना कर दिया.
ओपीडी का दिन चेक करके आने की दी गई सलाह
बेंखलाल ने बताया कि 02 अक्टूबर को उनकी मां सीढ़ी से नीचे गिर गई थी. जिसके बाद वह आनन फानन में रिम्स इमरजेंसी लेकर आए थे. यहां इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर ने 15 दिन की दवा लिखकर कहा कि दवा खत्म होने पर मरीज को फिर रिम्स लेकर आना. 15 दिन की दवा खत्म होते ही मैं अपनी मां को फिर से इमरजेंसी लेकर आया. क्योंकि मां की स्थिति बिगड़ती जा रही थी, पर इस बार सीधे बोल दिया गया कि आप एक दिन पहले आ गए हैं, संबंधित बिमारी से ओपीडी का दिन चेक करके आए. बेंखलाल ने बताया कि वह पेशे से ड्राइवर हैं और मां की स्थिति गंभीर होने की वजह से एंबुलेंस में लेकर रिम्स गए थे. जिसकी मोटी रकम चुकानी पड़ रही है. लेकिन इतनी दूर से बार-बार एंबुलेंस कर मां को इलाज के लिए रिम्स लाना हमारे बस में नहीं है.
मरीज की स्थिति हुई गंभीर
डॉक्टरों ने मरीज रूकमणी देवी को देखने से मना कर दिया. वहीं, इलाज में हो रही देरी की वजह से उनकी हालत बिगड़ी जा रही है. बेंखलाल ने बताया कि बीते 15 दिनों में मां बेसुध जरूर थी लेकिन स्थिति थोड़ी ठीक थी. लेकिन समय पर इलाज नहीं होने की वजह से तबीयत खराब होती जा रही है और अब तो उल्टीयां भी शुरू हो चुकी है. डॉक्टर की बेरूखी को देखते हुए मरीज के परिजन बिना इलाज के ही घर वापस लौट गए.