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गोड्डा/डेस्क: कहते है पढ़ने और सीखने की उम्र कभी ख़त्म नही होती है. इस कहावत का एक जीता जागता उदाहरण गोड्डा में देखा जा सकता है. जहां गोड्डा के महागामा के रहने वाले 66 वर्षीय सतीश झा की रुची पढ़ने और सीखने में इस प्राकर है. की शिक्षक की नौकरी से 6 वर्ष पहले ही रिटायर होने के बाद अब भी वह अयोध्या के इस्कॉन से श्री मद भागवत में 1 वर्ष का डिप्लोमा कर रहे है. जिसमें सतीश झा ने 3 महिने पहले नामांकन कराया है. और नियमित रूप से इसका ऑनलाइन क्लास भी करते है.
सतीश झा ने बताया कि जन्म लेने के बाद जब से उन्होंने अपनी पढ़ाई शुरू की है इसके बाद से अब तक उन्होंने कभी भी पढाई में ब्रेक नही लिया है. सतीश झा ने सन 1972 में महागामा के जयनारायण +2 उच्च विद्यालय से मैट्रिक पास किया था और इसके बाद एसपी कॉलेज दुमका से विज्ञान से 12 वी की पढ़ाई के बाद जीव विज्ञान विषय से स्नातक की पढ़ाई पुरी की, इसके बाद घर आकार एक स्टेस्नरी की दुकान खोल कर व्यवसाय करने लगें. और इस बिच उन्होंने 1980 में दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता का डिप्लोमा कर आकाशवाणी भागलपुर में काम करने लगें. और इसी दौरान उन्होंने लॉ कॉलेज भागलपुर से एलएलबी किया फिर पटना से वकालत का नामांकन करा कर 1989 से 1994 तक गोड्डा के व्यवहार न्यायालय में वकालत करने लगें.
इसके बाद 1994 में सरकारी शिक्षक की नौकरी प्राप्त की और यह भी वो शिक्षकों के प्रशिक्षक बने. इस दौरान उन्होंने सेवा कालीन प्रशिक्षण (B.ED) की डिग्री भी बी एड कालेज देवघर से प्राप्त कर ली, फिर दिव्यांग बच्चो के स्किल डेवलपमेंट के लिए फाउंडेशन कोर्स किया. और इस बीच उन्होने हिंदी विषय से इग्नू से मास्टर की डिग्री प्राप्त की और फिर 2008 में हरिद्वार में रामदेव बाबा के सानिध्य में योग प्रशिक्षक की डिग्री प्राप्त की. और जनवरी 2018 में शिक्षक सेवा से सेवा निवृत होने के बाद इस्कॉन अयोध्या से गीता में 3 वर्षीय डिग्री प्राप्त किया , और वर्तमान में भी श्री मद भागवत में डिप्लोमा की पढ़ाई जारी रखी है.
वर्तमान में सतीश झा डिप्लोमा के साथ साथ गोड्डा जिला के महागामा कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में जीव विज्ञान के शिक्षक है. और खाली समय में बच्चों 10 से 12 के बच्चो को जीव विज्ञान विषय की कोचिंग भी देते है. और इसके अलावा पुजा पाठ करते है और कुंडली भी बनाते है.