न्यूज11 भारत
रांची: घनघोर आर्थिक संकट से घिरे पाकिस्तान को एक और झटका लग गया है. शहबाज सरकार को तेल कंपनियों ने चेतावनी दे दी है कि ऑयल इंडस्ट्री पूरी तरह से बिखरने की कगार पर पहुंच चुकी है. तेल कंपनियों का कहना है कि देश में डॉलर न होने की वजह से और रुपए की लगातार गिरती कीमतों ने उद्योग पर संकट पैदा कर दिया है.
ऐसे में कंपनियों की मानें तो पाकिस्तान की तेल कंपनियों के पास बस कुछ ही दिन बचे हैं और ऑयल इंडस्ट्री पूरी तरह से ढह जाएगी. वहीं देश को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से मिलने वाली मदद का इंतजार है. लेकिन अब तक ऐसे कोई संकेत नहीं मिले है कि कोई मदद पाकिस्तान को जल्द मिलने वाली है. बता दें पेट्रोल कंपनियों पर ताला लगने का मतलब पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का ढह जाना.
यह पहली बार है जब देश इतने बड़े तेल संकट से गुजर रहा है. बता दें पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से गिर रहा है, इस वजह से ही सरकार ने एलसी पर भी बैन लगा दिया है. 27 जनवरी तक देश का विदेशी मुद्रा भंडार तीन बिलियन डॉलर से कुछ ही ज्यादा था. इतनी रकम में सिर्फ 18 दिन की जरूरत ही पूरी हो सकेगी.
देश की शहबाज सरकार ने आईएमएफ की शर्त को पूरा करने के लिए डॉलर कैप को हटा दिया. जिसके कारण रुपया 276.58 रुपये के ऐतिहासिक निचले स्तर तक गिर गया. पाकिस्तान के तेल और गैस नियामक प्राधिकरण और ऊर्जा मंत्रालय को एक चिट्ठी लिखी है, इसमें कहा है कि तेल कंपनी सलाहकार परिषद ने कहा है कि रुपए की कीमतों में अचानक गिरावट आने से उद्योग को अरबों रुपयों का नुकसान हुआ है.