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राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनावों के लिए विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने आज सोमवार को अपना नामांकन दाखिल किया. यशवंत सिन्हा के साथ नामांकन के समय राहुल गांधी, शरद पवार भी मौजूद थे. वहीं इससे पहले NDA की उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू ने शुक्रवार (24 जून) को अपना नामांकन दाखिल किया था. उनके नामांकन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों समेत NDA के घटक दलों के कई नेता मौजूद रहे थे.
संसद भवन में निर्वाची पदाधिकारी के समक्ष यशवंत सिन्हा ने राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी प्रस्तुत की. मौके पर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता मलिकार्जुन खड़गे और महासचिव जयराम रमेश समेत समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी शामिल हुए.
नामांकन के समय तेलांगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष और मंत्री केटी रामा राव, टीआरएस के कई सांसद, तेलांगना के सीएम के चंद्रशेखर राव के पुत्र भी विपक्षी उम्मीदवार के साथ एकजुटता जाहिर की. विपक्ष के साझा उम्मीदवार का समर्थन तृणमुल कांग्रेस, कांग्रेस पार्टी, भाकपा, शिव सेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, राजद, नेशनल कांफरेंस, एआइयूडीएफ, राष्ट्रीय लोक दल, पीडीपी, एआइएमआइएम और अन्य संगठन कर रहे हैं. 84 वर्षीय यशवंत सिन्हा विपक्ष के सर्वसम्मत राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनाये गये हैं.
नामांकन से पहले यशवंत सिन्हा ने कहा कि, यह चुनाव अधिनायकवादी नीतियों के खिलाफ है. सिर्फ एक व्यक्ति इस देश का उत्थान नहीं कर सकता है. हम सब को मिलकर इस देश की रक्षा के लिए आगे आना होगा. उन्होंने मौजूदा केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, आज सरकार की वजह से हमारा संविधान और लोकतंत्र खतरे में है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति भवन को एक रबर स्टैम्प नहीं होना चाहिए. देश को अभी रबर स्टैम्प से अधिक कुछ चाहिए.
इससे पहले राष्ट्रपति चुनाव के संदर्भ में समर्थन के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने पीएम नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात की और अपने लिए समर्थन मांगा. अटल बिहारी वाजपेयी और चंद्रशेखर की सरकारों में केंद्रीय मंत्री रहे 84 वर्षीय सिन्हा ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से भी संपर्क किया.
बता दें कि राष्ट्रपति का चुनाव 18 जुलाई को होगा और नतीजा 21 जुलाई तक आएगा. मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म होगा.