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रांची: देवघर में OPERATION त्रिकूट अब अंतिम चरण में है. मंगलवार को सुबह 11 बजे तक सेना के हेलीकॉप्टर 43 लोगों का सफल रेस्क्यू कर चुका था. एक ट्रोली में चार व्यक्ति बचे है, अब बस उन लोगों को बचाने की कवायत शुरू हुई है. यह अंतिम ट्रोली है, जो काफी ऊंचाई पर है. यहां सेना के जवानों को पहुंचने में थोड़ी परेशानी हो रही है. मगर सेना के जवान रेस्क्यू में जुटे हुए हैं. यह सभी लोग 10 अप्रैल की शाम से केबूल कार में फंसे थे. इस दुर्घटना में तीन लोगों की जान भी जा चुकी है. 10 अप्रैल को केबूल कार के पहाड़ से टकराने की वजह से मौत हो गई. वहीं 11 अप्रैल को रेस्क्यू के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. इस घटना में 12 लोग घायल हो गए थे.
अब मात्र एक ट्रोली में फंसे चार लोगों का रेस्क्यू होना है
रेस्क्यू के लिए सुबह पांच बजे ही सेना का हेलीकॉप्टर आसमान में मंडराने लगा था. मगर कुहासा होने की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में थोड़ी देरी हुई. जैसे ही धूप निकली, रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो गया. तकरीबन चार घंटे के ऑपरेशन के दौरान तीन केबूल कार से 15 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया. अब मात्र एक ट्रोली में फंसे चार लोगों का रेस्क्यू होना है. जिन लोगों को सेना रेस्क्यू कर हेलीकाप्टर से जमीन पर ला रही है, वे लोग सेना के जवानों का हाथ जोड़ कर वंदन कर रहे थे. कई लोग तो पैर छू रहे थे. लोगों का कहना था कि सेना के जवान नहीं होते, तो किसी की जान नहीं बचती. इस हादसे में बचाए गए कुछ लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. इनमें महिलाएं और बच्चियां शामिल हैं. कुछ घायलों को ICU में भी रखा गया है.
रोप-वे के तार के कारण लोगों तक पहुंचने में कठिनाई आ रही
11 अप्रैल, यानी सोमवार को सेना, वायुसेना, ITBP और NDRF की टीमों ने 12 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था. इसमें 33 लोगों को तीन हेलीकॉप्टर और रस्सी के सहारे बचाया गया था. रेस्क्यू के दौरान सेफ्टी बेल्ट टूट जाने के कारण एक व्यक्ति की हेलीकॉप्टर से नीचे गिर कर मौत हो गई. अंधेरा और कोहरा हो जाने की वजह से ऑपरेशन बंद कर दिया गया था. तीसरे दिन चार घंटे से ऑपरेशन चल रहा है. एयरफोर्स के जवानों ने हेलिकॉप्टर से 2500 फीट ऊंचाई पर पहुंचकर रोप-वे की दो ट्रॉलियों में फंसे लोगों को सुरक्षीत निकाल रहे हैं. वायु सेना, सेना और NDRF की टीमें अतिरिक्त सतर्कता बरत रही हैं. तीन ट्रॉली सबसे ऊंचाई पर हैं. रोप-वे के तार के कारण लोगों तक पहुंचने में कठिनाई आ रही है.