न्यूज11भारत, रांची
कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रॉन’ के अधिक संक्रामक होने और बिना लक्षण वाले अधिक मामले सामने आने के मद्देनजर केन्द्र सरकार ने नौ राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों से कोविड-19 संबंधी जांच बढ़ाने को कहा है. बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रॉन’ के एक दिन में सर्वाधिक 495 नए मामले सामने आए, जिससे इस स्वरूप से संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 2,630 हो गई. तमिलनाडु, पंजाब, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मिजोरम, मेघालय, जम्मू-कश्मीर और बिहार को लिखे पत्र में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव आरती आहूजा ने मामलों और संक्रमण दर के बढ़ने के बीच कोविड-19 जांच दर कम होने की ओर इशारा किया और कहा कि यह ‘चिंता का कारण’ है. आहूजा ने लिखे पत्र में कहा कि पर्याप्त जांच ना होने पर समुदाय में फैले संक्रमण के सही स्तर का निर्धारण करना असंभव है. उन्होंने कहा, ‘‘वैरिएंट ऑफ़ कंसर्न’ (वीओसी) ओमीक्रोन के अधिक मामले सामने आने और टीकाकरण दर अधिक होने के बावजूद अधिकतर देशों में मामले बढ़ने के मद्देनजर कोविड-19 संबंधी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए निरंतर सतर्कता तथा प्रयासों की आवश्यकता है.’
अतिरिक्त सचिव ने कहा, ‘ ‘ओमीक्रोन’ के अप्रत्याशित और अत्यधिक संक्रामक होने और अधिकतर संक्रमितों में कोई लक्षण ना होने की बात को ध्यान में रखते हुए, किसी के संक्रमित होते ही तुरंत जांच होने से यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि मरीज दूसरों को संक्रमित ना करें.’ उन्होंने राज्यों को परीक्षण सामग्री, किट आदि के पर्याप्त भंडार की समीक्षा करने तथा उपलब्धता सुनिश्चित करने और जांच सुविधाओं संबंधित जरूरी सामान की नियमित व्यवस्था करने की सलाह दी.
डब्ल्यूएचओ ने कहा हल्के में ओमीक्रोन को नहीं लें
ओमिक्रॉन वैरिएंट काफी तेजी से लोगों मे फैल रहा है. इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन कहा गया है कि यह वैरिएंट डेल्टा की तुलना में कम गंभीर है लेकिन इसका कतई यह मतलब नहीं है कि इसे हल्के में लेना चाहिए. विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस एबनॉम ने गुरुवार को कहा कि पिछले हफ्ते कोरोना के सर्वाधिक मामले सामने आए थे. ओमिक्रॉन उन लोगों में कम गंभीर है जिन्होंने खास तौर पर वैक्सीन की दोनों डोज लगवाई है. लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि हमे इसे हल्के में लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि लोग ओमिक्रॉन के चलते अस्पताल में भर्ती हो रह हैं और अपनी जान भी गंवा रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल ने कहा कि संक्रमित लोगों की सुनामी इतनी तेज और बड़ी है कि दुनियाभर में स्वास्थ्य व्यवस्था पर भारी दबाव बना सकती है. अस्पताल में जरूरत से कहीं अधिक भीड़ हो रही है, स्टाफ की कमी हो रही है, जिसके चलते लोग ना सिर्फ कोरोना से अपनी जान गंवा रहे हैं बल्कि वो लोग भी अपनी जान गंवा रहे हैं जो अस्पताल में भीड़ की वजह से समय पर इलाज नहीं पा रह हैं. जिस तरह से टीकाकरण की रफ्तार कम है उसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंता जताई है. टेड्रोस ने कहा कि कुछ देश पर्याप्त तरीके अपने रहे हैं, टेस्ट करवा रहे हैं, वैक्सीन लगवा रहे हैं. लेकिन कई देश ऐसे हैं जिनके पास मूलभूत जरूरत के सामान नहीं हैं. वैक्सीन में असमानता लोगों की जान ले रही है, लोगों की नौकरी जा रही है जिसकी वजह सै वैश्विक रिकवरी प्रभावित हो रही है.