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रांची: झारखंड शिक्षा विभाग के एक निर्णय में ये फैसला लिया गया कि बच्चों की पढाई बाधित ना हो इसके लिए जरुरी है कि शिक्षक मोबाईल से दूर रहे. बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता और विकास को लेकर झारखंड शिक्षा क्षेत्र के पदाधिकारियों की एक बैठक हुई. इस बैठक में सरकारी स्कूलों की दशा और दिशा सुधारने पर भी चर्चा हुई है. इसके बाद सर्व सम्मति से यह निर्णय लिया गया की बच्चों की शिक्षा और गुणवत्ता को देखते हुए शिक्षकों को कक्षा में फोन लेकर जाना प्रतिबंधित रहेगा. इस निर्णय के बाद झारखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़ानेवाले शिक्षक अब क्लास में मोबाईल ले कर नहीं जा सकेंगे. शिक्षकों के कार्यालयी समय में मोबाईल का उपयोग वर्जित रहेगा. बता दें इस संदर्भ में झारखंड के शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव के रवि कुमार ने गाइडलाइन जारी की है. जिसके अनुसार अब शिक्षकों को कक्षा में जाने से पूर्व अपने मोबाइल फोन को विद्यालय के प्रधानाध्यापक के पास या लॉकर में जमा करना होगा.
पढ़ाने के बजाये मोबाईल में अधिक व्यस्त रहते है टीचर!
राज्य के कई जिलों के सरकारी स्कूलों में देखा जा रहा था कि कक्षा में बच्चों को समय देने के बजाय शिक्षक अपने मोबाइल फोन पर ज्यादा व्यस्त रहते हैं. वहीं, अब देखना होगा कि इस नए प्रयोग से झारखंड के सरकारी स्कूलों में होने वाले पठन-पाठन पर कितना असर पड़ता है.बता दें कक्षा में मोबाइल फोन न रखने का यह निर्णय राज्य के प्रखंड शिक्षा प्रसार एवं शिक्षा क्षेत्र के पदाधिकारियों के साथ बैठक में लिया गया है. इसके साथ ही शिक्षा सचिव ने सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों को गंभीरतापूर्वक अपने कार्य को करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही झारखंड के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों और पारा शिक्षकों को जनवरी से बायोमेट्रिक हाजिरी लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. बायोमेट्रिक हाजिरी के आधार पर ही उनका वेतन और मानदेय का भुगतान होगा. अगर शिक्षक बायोमेट्रिक से हाजिरी नहीं बनाएंगे तो उन्हें अनुपस्थित माना जाएगा.
शिक्षकों को 20 मार्च तक का अल्टीमेटम!
इसके साथ ही शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव रवि कुमार द्वारा झारखंड के सभी स्कूलों को यह निर्देश दिया गया है कि 20 मार्च, 2023 तक तीसरी कक्षा के सभी बच्चों को हर हाल में पढ़ना आना चाहिए. सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके विद्यालय में कक्षा 3 में पढ़ने वाले बच्चे रीडिंग में पूरी तरह सक्षम है. इसके लिए नियमित तौर पर स्कूलों की मॉनिटरिंग भी की जाएगी. इस आदेश के बाद अब शिक्षक मोबाइल फोन के प्रयोग को लेकर काफी संशय में हैं. कक्षा में फोन का इस्तेमाल न हो, इसकी वह पूरी कोशिश में रहेंगे.