अजय लाल / न्यूज 11 भारत
रांची: राज्य में संचालित इंटर महाविद्यालय अब प्लस टू स्कूल कहें जायेंगे. शिक्षा विभाग ने इस बाबत राज्य भर के डीईओ को अपना आदेश भेज दिया है. जिलों में भेजे गये आदेश में कहा गया है कि जहां कहीं भी सरकारी स्तर पर अनुदानित या फिर गैर अनुदानित इंटर महाविद्यालय संचालित हो रहे हैं उसका नामकरण प्लस टू स्कूल के रूप में करें. जारी आदेश में इंटरमीडिएट कॉलेज के नाम में इंटर महाविद्यालय शब्द को विलोपित कर +2 विद्यालय करने की बात कही गयी है.
जाहिर है स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के आदेश के तहत राज्य भर में 20- 25 वर्षों से चल रहे इंटरमीडिएट कॉलेजों को प्लस टू विद्यालय बन जायेंगे. इधर शिक्षक संघ ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है. शिक्षक संघ ने कहा है कि केवल प्लस टू कर देने से इंटरमीडिएट कॉलेज प्लस टू स्कूल नहीं बन सकता, इसके लिए भूमि एवं अन्य सारे कागजों में बदलाव करना पड़ेगा. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इस संबंध में ना कोई विज्ञप्ति दिया ना ही जिला शिक्षा पदाधिकारियों को भूमि और सभी कागजों में सुधार करने का कोई निर्देश कि वे इंटर महाविद्यालय को नाम में एवं अन्य कागजातों में सुधार कर सकें.
जाहिर तौर पर शिक्षक संघ की आपत्ति जायज है. अनुदान के लिए जो ऑनलाइन आवेदन दिया गया है उसमें भी इंटर कॉलेज शब्द की जिक्र है. भूमि महामहिम राज्यपाल या संस्थान के नाम पर है. महामहिम राज्यपाल के नाम से जो भूमि है ,उसमें बहुत जल्द बदलाव नहीं हो सकता है. एकीकृत बिहार में जब 1992 की नियमावली बनी तो उसमें सभी इंटरमीडिएट कॉलेजों को अपने नाम के आगे इंटर शब्द जोड़ने की बात कही गई थी .
2010 में झारखंड के जैक के तत्कालीन अध्यक्ष लक्ष्मी सिंह ने कॉलेजों के प्रस्वीकृति को रोक दिया। था और कहा था कि केवल पैड पर इंटर शब्द लिखने से काम नहीं चलेगा बल्कि सारे कागजातों पर भूमि के साथ इंटर शब्द जोड़ने के बाद ही प्रस्वीकृति की अग्रसर कार्रवाई होगी. नई शिक्षा नीति को देखते हुए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने रातों -रात इंटरमीडिएट कॉलेज को प्लस टू स्कूल तो बना दिया लेकिन तकनीकी समस्याओं का अध्ययन विभाग नहीं कर सका.
इधर, मोर्चा के नेताओं का कहना है की अंगीभूत कॉलेज और डिग्री संबंध कॉलेज के अंदर इंटरमीडिएट की पढ़ाई हो रही है, अगर वहां से जब तक इंटरमीडिएट की शिक्षा अलग नहीं किया जाएगा तब तक पूरे इंटरमीडिएट शिक्षा प्लस टू के अंदर नहीं आ सकती. मोर्चा ने सरकार से मांग की है कि सरकार अभिलंब एक विज्ञप्ति प्रकाशित करें कि इंटरमीडिएट कॉलेज अपने सारे कागजातों में कॉलेज शब्द को हटाकर प्लस टू विद्यालय जोड़ें ताकि विज्ञप्ति के आलोक में इंटर कॉलेज शासी निकाय की विधिवत बैठक कर सारे कागजातों में प्लस टू विद्यालय जोड़ सकें .
दूसरी तरफ शिक्षक संघ के नेताओं ने शिक्षा विभाग के उस आदेश का विरोध किया जिसमें सचिवालय स्तर से विद्यालयों की जांच की बात कही गयी है. शिक्षक संघ ने कहा कि यह सरासर गलत है. बैठक में सुरेंद्र झा, रघुनाथ सिंह, हरिहर प्रसाद कुशवाहा, फजलुल कादिर अहमद, अरविंद सिंह, नरोत्तम सिंह, मनीष कुमार, देवनाथ सिंह, संजय कुमार ,गणेश महतो , बलदेव पांडे शामिल हुए