न्यूज 11, भारत
रांची: गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) से झारखंड सरकार को 21 हजार करोड़ रुपये के राजस्व की प्राप्ति होने की संभावना है. 2022-23 में यह भारी भरकम लक्ष्य सरकार की ओर से रखा गया है. जीएसटी से होनेवाली आय को लेकर राज्य सरकार ने इंटेलिजेंस रीसर्च एनालिसिस यूनिट का गठन किया है. इस इकाई की तरफ से दो सौ बड़ी कंपनियों को दुबारा नोटिस भेज कर रिटर्न में गड़बड़ी को दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया है.
कंपनियों को भेजी गयी नोटिस के बाद से सरकार 15 सौ करोड़ रुपये की अतिरिक्त वसूली होने की बातें कह रही हैं. सरकार की तरफ से गठित रीसर्च एनालिसिस इकाई की तरफ से स्टील, सीमेंट, हेल्थ और अन्य आधारभूत संरचना से जुड़ी कंपनियों पर नजर रख रही है. वर्ष 2020-21 में जीएसटी के रूप में 16 हजार करोड़ रुपए की वसूली की गयी थी. 2021-22 में यह राशि बढ़कर 18,422 करोड़ रुपए हो गई.
इकाई की तरफ से रेल मंत्रालय को 505 करोड़, पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड ( पीवीएनएल) को 154 करोड़, टाटा स्टील को 76 करोड़, दामोदर घाटी निगम को 60 करोड़, सीसीएल को 19 करोड़, रिलायंस जियो को 57 करोड़, भारतीय इस्पात प्राधिकरण की सेल बोकारो को 40 करोड़, एसीसी को 26 करोड़, जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड को 21 करोड़, आधुनिक पावर को 19 करोड़, रूंगटा माइंस लिमिटेड को सात करोड़, रिलायंस रिटेल लिमिटेड को दो करोड़, केजरीवाल माइनिंग लिमिटेड को 1.4 करोड़, बजाज फायनांस को 84 लाख का नोटिस भेजा गया है.
इकाई की तरफ से कंपनियों पर नजर रखने के साथ ही उन्हें ट्रेनिंग देने, ईवे बिल जांच की निगरानी करने और कंपनियों की समस्याएं निपटाने में मदद करने जैसी प्रक्रिया शुरू की गई है. केंद्र सरकार की संस्था बिजनेस इंटेलिजेंस एंड फ्रॉड एनालिटिक्स ने अपनी रिपोर्ट में झारखंड की कई कंपनियों को रेड लिस्ट में रखा है.
इन कंपनियों की रिटर्न में गड़बड़ी से जीएसटी की हिस्सेदारी में राज्य को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा था. इसी रिपोर्ट के आधार पर वाणिज्य कर विभाग ने राज्य में भी इंटेलिजेंस रिसर्च एनालिसिस यूनिट का गठन किया.