राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को झारखंड राजस्व सेवा संवर्ग नियमावली 2018 के तहत लेना है फैसला
न्यूज11 भारत
रांचीः राज्य के अंचल कार्यालयों में 105 से अधिक अंचल अधिकारी स्तर के रिक्त पदों पर प्रोन्नति नहीं मिल रही है. अंचल निरीक्षक सह कानूनगो स्तर के कर्मियों को अंचल अधिकारी सह सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी के पद पर प्रमोशन दिया जाना है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की तरफ से राजस्व सेवा संवर्ग (नियुक्ति और प्रोन्नति) नियमावली 2018 के तहत यह प्रमोशन दिया जाना है. प्रोन्नति मामले को लेकर अपर मुख्य सचिव एल ख्यांग्ते ने दशरथ चंद्र दास को आवश्यक निर्देश दिये हैं. मालूम हो कि 13.12.2019 को वरीयता सूची के 149 चयनित अभ्यर्थियों में से 73 को अंचल अधिकारी सह सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी के पद पर प्रोन्नति देते हुए पोस्टिंग की गयी थी. इनमें से छूटे 27 से अधिक लोगों ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर कर समता के अधिकार के अंतर्गत खाली पड़े पदों पर प्रमोशन देने का आग्रह किया था.
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हाईकोर्ट ने चार दिसंबर 2020 को दिया था फैसला
झारखंड हाईकोर्ट ने इस मामले पर चार दिसंबर 2020 को फैसला दिया था. जस्टिस संजय द्विवेदी ने कहा था कि राज्य सरकार वैसे योग्य अभ्यर्थियों पर विवेचना करें, जो वरीयता सूची में ऊंचे क्रम में हैं, छह नवंबर 2019 को विभागीय प्रोन्नति समिति की बैठक हुई थी. बैठक के बाद विभाग के संयुक्त सचिव प्रताप चंद्र किचिंगिया ने नव प्रोन्नत पदाधिकारियों की पोस्टिंग की अधिसूचना 13 दिसंबर 2019 को ज्ञापांक 4885 (3) के मार्फत निकाली थी. हाईकोर्ट के फैसले के बाद झारखंड सरकार ने शीर्ष अदालत में एसएलपी भी दायर की. एसएलपी संख्या 11572 ऑफ 2020 को न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने 1.10.2020 को खारिज कर दिया था. एसएलपी कपिलदेव मांझी ने दायर किया था.
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प्रोन्नति नहीं मिलने पर अंचल निरीक्षक पहुंचे थे हाईकोर्ट
जिन अंचल निरीक्षकों को प्रोन्नति नहीं मिली थी, वे बाद में झारखंड हाईकोर्ट पहुंचे. हाईकोर्ट जानेवालों में फुलेश्वर साव, संतोष कुमार, रंजीत कुमार रंजन, अनंत श्यनम विश्वकर्मा, श्रवण कुमार झा, प्रदीप कुमार, सुनील कुमार सिंह, मदन कुमार सुमन, रमेश रविदास, औसफ अहमद खान, शैलेश कुमार, कमल कांत वर्मा, मनीष कुमार सिन्हा, सुधांशु पाठक, जीतेंद्र प्रसाद, देवकांत सिंह, अजय कुमार , प्रकाश बेसरा, नरेंद्र कुमार सिंह, विकास पांडेय, सीताराम महतो, जीतेंद्र कुमार, उदल राम, भीखम कुमार, अनोज कुमार शामिल थे. रिट याचिका 8 ऑफ 2020 में जस्टिस संजय द्विवेदी ने यह कहा कि प्रोन्नति नियमावली का अनुपालन सही तरीके से नहीं किया गया. अदालत ने टिप्पणी की थी कि कनीय अंचल निरीक्षकों की पोस्टिंग हुई. अदालत ने कहा कि रेवेन्यू सर्विस कैडर (रक्रूटमेंट एंड प्रमोशन) रूल्स 2018 के तहत प्रमोशन नहीं मिला. अदालत की तरफ से यह भी कहा गया कि कालावधि की बातें कहने से कई योग्य और सफल उम्मीदवार सीओ नहीं बन पाये.