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रांची: आदिवासी धर्म कोड नहीं तो वोट नहीं के आह्वान के साथ आज अखिल भारतीय आदिवासी धर्म परिषद की बैठक आज गांधी पीस फाउंडेशन नई दिल्ली में काशी नाथ गौड़ की अध्यक्षता में बैठक संपन्न हुई. बैठक में आदिवासी धर्म कोड लागू पर चर्चा की गयी. कल इस मसले पर राष्ट्रपति से परिषद के लोग मिलेंगे. बैठक में झारखंड से पूर्व मंत्री और आदिवासी विकास परिषद की अध्यक्ष गीताश्री उरांव, प्रेमशाही मुंडा सहित विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए.
धर्म कोड के लिए पूरे देश में जनआंदोलन करना होगा: गीताश्री उरांव
गीताश्री उरांव ने कहा कि पूरे देश को आदिवासी राष्ट्र बनाने के लिए हर प्रदेश में संगठन की ढाँचा को मजबूत करना होगा. आदिवासी धर्म को लागू करने के लिए पूरे देश में जन आंदोलन तेज करना होगा. यह हमारा अंतिम लड़ाई हैं इसलिए संघर्ष जारी रखें. राष्ट्रीय महासचिव प्रेम शाही मुंडा ने कहा की पूरा देश अपने अपने धर्म को लेकर के आंदोलनरत हैं. इसलिए आदिवासी समाज भी अपने धर्म और संस्कृति की पहचान के लिए पूरे देश में संगठन को मजबूत किया जाएगा. संपूर्ण देश के आदिवासियों प्राकृतिक पूजक हैं और आदिवासियों का इतिहास किसी भी समाज में नहीं है. क्योंकि आजाद भारत के बाद 70 वर्षों में आदिवासियों का धर्म कोड नहीं मिलना आदिवासी समाज के लिए एक कुठाराघात है. हमें अपने धर्म व संस्कृति से वंचित किया जा रहा है इसलिए पुरजोर तरीके से आदिवासियों को धार्मिक जागरूकता करने की आवश्यकता है.
आदिवासियों को धार्मिक रूप से जागरूक करने की जरूरत: मुंडा
राष्ट्रीय महासचिव प्रेम शाही मुंडा ने कहा की पूरा देश अपने अपने धर्म को लेकर के आंदोलनरत हैं इसलिए आदिवासी समाज भी अपने धर्म और संस्कृति की पहचान के लिए पूरे देश में संगठन को मजबूत किया जाएगा संपूर्ण देश के आदिवासियों प्राकृतिक पूजक हैं और आदिवासियों का इतिहास किसी भी समाज में नहीं है क्योंकि आजाद भारत के बाद 70 वर्षों में आदिवासियों का धर्म कोड नहीं मिलना आदिवासी समाज के लिए एक कुठाराघात है और हमें अपने धर्म व संस्कृति से वंचित किया जा रहा है इसलिए पुरजोर तरीके से आदिवासियों को धार्मिक जागरूकता करने की आवश्यकता है
आदिवासियों का धर्म कोड जन्म सिद्ध अधिकार है: कोराम
कार्य समिति सदस्य भुवन कोराम ने कहा कि आदिवासियों का धर्म कोड लेना मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है हमें धर्म के जनगणना में अन्य धर्म कॉलम में शामिल किया जाता है. यह दुर्भाग्यपूर्ण हैl पूरे भारतवर्ष में हम आदिवासी समाज प्राकृतिक पूजक हैं. धर्मकोड लागु करने के लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा हमें राजनीतिक शक्ति एवं धार्मिक शक्ति से वंचित ना किया जाए.दिल्ली यूनिवर्सिटी के इतिहास के प्रोफेसर ने कहा कि देश के आदिवासियों के हित के लिए धर्मकोड एवं गुस्सा निकाल आने वाला समय में बहुत बड़ा चुनौती है इसलिए समाज को संगठित वह क्या था लड़ाई करने की आवश्यकता है और हर गांव पर जाकर के जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है.
बैठक पारित प्रस्ताव
-अखिल भारतीय आदिवासी धर्म परिषद के अगली राष्ट्रीय बैठक दिनांक 21अगस्त को गांधी पीस फाउंडेशन न्यू दिल्ली में पुनः किया जाएगा.
-5 जून को अखिल भारतीय आदिवासी धर्म परिषद का प्रांतीय अधिवेशन उड़ीसा प्रदेश मयूरभंज जिला के प्रखंड बिसोई में आहूत की गई है जिसमें देश के सभी आदिवासी अगुवा शामिल होंगे और देश के सभी आदिवासियों को आह्वान करते हैं कि सभी उड़ीसा पहुंचे.
-अखिल भारतीय आदिवासी धर्म परिषद का आदिवासी धर्म सम्मेलन दिनांक 26 जुलाई को गुजरात जिला दाहोद में कार्यक्रम आहूत की गई है.
-अखिल भारतीय आदिवासी धर्म परिषद का उत्तर प्रदेश प्रभारी शिवपूजन कौल और गुजरात के संगठन प्रभारी प्रवीण पारगी को नियुक्त किया गया.
-पूरे देश में संगठन को मजबूती प्रदान हेतु अखिल भारतीय आदिवासी धर्म परिषद का सदस्यता अभियान चलाया जाएगा.