न्यूज 11 भारत
रांची: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दाऊउ गिरोह के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दिया है. जांच एजेंसी ने कार्रवाई के तहत गैंगस्टर छोटा शकील के दो सहयोगियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान आरिफ अबुबकर शेख (उम्र 59 वर्ष) और शब्बीर अबुबकर शेख (उम्र 51) के रूप में हुई है. दोनों मुंबई के पश्चिमी उपनगरों में डी-कंपनी की अवैध गतिविधियों और आतंकवादी वित्तपोषण को संभालने में शामिल थे. एनआईए दोनों को विशेष अदालत में पेश करेगी.
सीमा पार से गिरोह चला रहा है दाऊद
एनआईए की जांच में अबतक पता चलता है कि पूरा सिंडिकेट दाऊद गिरोह सीमा पार से चला रहा है. हमने 21 लोगों को उनकी भूमिका के बारे में बताने के लिए पहले ही तलब किया है. इस हफ्ते की शुरुआत में एनआईए ने मुंबई कमिश्नरेट में 24 जगहों और मीरा रोड भयंदर कमिश्नरी में पांच जगहों पर तलाशी ली थी. जिसमें इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, अचल संपत्ति, नकदी और आग्नेयास्त्रों से संबंधित दस्तावेजों के रूप में बहुत सारे सबूत जब्त किए गए. एजेंसी एक-एक करके उन लोगों को बुला कर अब पूछताछ करेगी, जिनके स्थान से सामान बरामद किया गया है और स्पष्टीकरण मांगा जाएगा.
एजेंसी की जांच के दायरे में मुंबई के कई वीवीआईपी
एनआईए जांच दल के अनुसार, छोटा शकील के बहनोई सलीम कुरैशी उर्फ सलीम फ्रूट, माहिम और हाजी अली दरगाहों के मैनेजिंग ट्रस्टी सुहैल खंडवानी, बॉलीवुड निर्माता और 1993 के मुंबई बम धमाकों के आरोपी समीर हिंगोरानी, कथित हवाला ऑपरेटर अब्दुल कय्यूम, कथित सट्टेबाज से बिल्डर बने अजय घोसालिया उर्फ अजय गंडा, मोबिदा भिवंडीवाला, गुड्डू पठान और रेस्तरां मालिक असलम सरोदिया एनआईए की जांच के दायरे में हैं. जांच एजेंसी ने इस साल की शुरुआत में तीन फरवरी को भी एनआईए द्वारा दर्ज मामले के सिलसिले में मुंबई और उसके आसपास के जिलों में 29 जगहों पर छापेमारी की थी.
अंतराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने में जुटा एनआई
यह मामला दाऊद इब्राहिम कास्कर और उसके साथियों सहित हाजी अनीस उर्फ अनीस इब्राहिम शेख, शकील शेख उर्फ छोटा शकील, जावेद पटेल उर्फ जावेद चिकना और इब्राहिम मुश्ताक अब्दुल रज्जाक मेमन उर्फ से जुड़े डी-कंपनी के अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी नेटवर्क की आतंकी/आपराधिक गतिविधियों से संबंधित है. उन पर हथियारों की तस्करी, नार्को-आतंकवाद, मनी लॉन्ड्रिंग और FICN के प्रचलन में शामिल होने का आरोप लगाया गया है, जिसमें अनधिकृत रूप से कब्जा करना और आतंकी फंड जुटाने के लिए प्रमुख संपत्ति का अधिग्रहण शामिल है. एनआईए के अनुसार, वे लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) और अल कायदा (एक्यू) सहित अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों के साथ सक्रिय सहयोग में भी काम कर रहे हैं.
देश में आतंक फैलाने के लिए बनाई गई विशेष इकाई
जांच एजेंसी की प्राथमिकी में यह भी आरोप लगाया गया है कि डी-कंपनी ने घातक हथियारों का उपयोग करके राजनीतिक नेताओं, व्यापारियों और अन्य लोगों सहित प्रतिष्ठित हस्तियों पर हमला करके भारत के लोगों में आतंक फैलाने के लिए एक विशेष इकाई बनाई है. केंद्रीय एजेंसी ने यह भी खुलासा किया कि इब्राहिम और उसके सहयोगी ऐसी घटनाओं को भड़काने और भड़काने की योजना बना रहे हैं जिससे भारत के विभिन्न हिस्सों जैसे दिल्ली, मुंबई और अन्य प्रमुख शहरों में हिंसा हो सकती है.
दाऊद इब्राहिम को 2003 में भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित किया गया था, 1993 के बॉम्बे बम विस्फोटों में उसकी कथित भूमिका के लिए उसके सिर पर $ 25 मिलियन का इनाम था. वह रंगदारी, हत्या और तस्करी के कई मामलों में भी आरोपी है.