न्यूज़11 भारत
रांची: बोकारो में पकड़े गए यूरेनियम की जांच एनआईए कर सकताी है. हाईकोर्ट ने इस मामले में एनआईए को पार्टी बनाया है और बोकारो एसपी को इस मामले से जुड़े जमानत की याचिका और अन्य दस्तावेज सौंपने का निर्देश दिया है. शुक्रवार को मामले कि सुनवाई करते हुए जस्टिस संजय प्रसाद की अदालत ने जब्त सैंपल की जांच भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (बार्क) के साथ इंदिरा गांधी एटॉमिक रिसर्च सेंटर कलपक्कम या राजा रमन्ना रिसर्च सेंटर इंदौर में कराने का निर्देश दिया है. बार्क को सीलबंद जांच रिपोर्ट भेजने का निर्देश अदालत ने दिया है. अदालत ने इसकी सूचना राज्य के गृह सचिव डीजीपी और एनआईए और झारखंड के महानिदेशक को भेजने का निर्देश दिया है.
पुलिस के जब्त किए गए यूरेनियम जैसे पदार्थ को जस्टिस प्रसाद ने अपने आदेश में कहा है कि यूरेनियम जैसा पदार्थ का मिलना काफी गंभीर है. यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा और अति गंभीर मामला है. इस कारण इसकी व्यापक जांच एनआईए से कराना उचित होगा.
बोकारो पुलिस के यूरेनियम जब्त करने के बाद निचली अदालत ने इस मामले के छह आरोपियों को जमानत प्रदान कर दी थी. एक आरोपा कृष्ण कांत राणा की जमानत याचिका खारिज कर दी गयी थी. जमानत के लिए राणा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. सुनवाई के दौरान अदालत ने इसे गंभीर मामला माना और बोकारो के एसपी को कोर्ट में तलब किया. सुनवाई के दौरान एसपी ने अदालत को बताया कि इस मामले का अनुसंधान जारी है. जब्त किए गए सैंपल की जांच जादूगोड़ा स्थित यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ( यूसीआईएल) से करायी गयी है. यूसीआईएल ने जांच में जब्त पदार्थ के यूरेनयम नहीं होने की बात कही. उसे यूरेनियम जैसा बताया.
अदालत ने एसपी से कहा कि यह संगीन और गंभीर मामला है. यूरेनियम काफी संवेदनशील और महत्वपूर्ण पदार्थ है. इस मामले की गहन जांच होनी चाहिए. इसके बाद अदालत ने एनआईए को प्रतिवादी बनाते हुए केस को टेक ओवर करने का निर्देश दिया. बार्क और अन्य न्यूक्लियर रिसर्च सेंटर की सीलबंद रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया. अदालत ने राणा को फिलहाल जमानत देने से इनकार करते हुए जांच रिपोर्ट मिलने के बाद सुनवाई करने की बात कही. अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी.