न्यूज 11 भारत
रांचीः झारखंड हाईकोर्ट ने 19 मई की सुनवाई का आदेश अपलोड कर दिया है. इसमें कोर्ट की ओर से खान आवंटन, शेल कंपनी और मनरेगा घोटाले में कई गंभीर टिप्पणियां की हैं. इसमें कहा गया है कि पूजा सिंघल जो खान एवं भूतत्व विभाग की सचिव के साथ साथ उद्योग सचिव भी थीं ने अपने नेकस्स के साथ पब्लिक मनी का गबन किया और धन शोधन किया है. इसमें शेल कंपनियों के जरिये पैसे इधर से उधर किये गये. मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ को बताया गया इस नेक्सस में सत्ता के बड़े राजनेता भी शामिल थे. याचिकाकर्ता के वकील राजीव कुमार ने कहा कि न सिर्फ आधिकारिक स्तर पर बल्कि मंत्रालय स्तर पर बड़े राजनेताओं की भी इसमें मिलीभगत थी. कई उच्चाधिकारियों के शामिल होने की बातें सांमने आयी हैं. ऐसे में निष्पक्ष जांच संभव नहीं है. इस मामले को निष्पक्ष जांच में दबाया जा सकता है. इसलिए कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका 4183 ऑफ 2022 दायर की गयी है. इसमें केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआइ से जांच कराने का आग्रह किया गया है, ताकि पब्लिक मनी का गबन करनेवाले आरोपियों तक दबीश बढ़ायी जा सके. इस पर महाधिवक्ता ने कड़ा प्रतिरोध व्यक्त करते हुए कहा गया कि हस्तक्षेप याचिका 10 मई को दायर की गयी है, ताकि राज्य सरकार धन शोधन मामले में पर्याप्त जवाब दाखिल नहीं कर सके. हाईकोर्ट की तरफ से हस्तक्षेप याचिका के बाबत राज्य सरकार से भी 24 तक जवाब मांगा गया है. इसी दिन हाईकोर्ट में तीनों मामलों पर सुनवाई होगी. कोर्ट ने कहा कि 24 को ईडी की तरफ से दी गयी सीलबंद लिफाफे भी खोले जायेंगे. हाईकोर्ट ने ईडी के एफीडेविट और सीलबंद लिफाफे को सुरक्षित कस्टडी में रखने का निर्देश दिया.
खान आवंटन मामले में कोर्ट ने कहा जनता के पैसे का व्यापक धनशोधन गंभीर
हाईकोर्ट ने रिट याचिका 4290 ऑफ 2021 के बाबत कहा कि धनशोधन का मामला गंभीर है. यह जनता का पैसा है, जिसमें राजनीति के बड़े नेता, सरकारी अधिकारी औऱ् कारोबारी शामिल हैं. ऐसे में इसकी सुनवाई जल्द से जल्द होनी चाहिए. कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय के सीलबंद लिफाफे को कस्टडी में रखने का निर्देश दिया. महाधिवक्ता ने यह कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गयी है, इसलिए 19 मई की कार्रवाही को स्थगित कर दिया जाये.