न्यूज11 भारत
रांची: झारखंड में नयी मदिरा का भंडारण एवं थोक बिक्री नियमावली 2022 रविवार एक मई से प्रभावी हो जायेगी. नयी नीति के तहत राज्य भर में खुदरा शराब दुकानदारों को नये होलसेलरों से शराब लेनी पड़ेगी. उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की तरफ से राज्य के पांचों प्रमंडलों में छह थोक वक्रेताओं और गोदाम को लेकर अप्रैल माह में निविदा निकाली गयी थी. अब तक दो थोक वक्रेताओं का चयन हो पाया है. शेष थोक वक्रेताओं के चयन को लेकर निविदा निकाली गयी है. राज्य में 2019 से लेकर 2022 तक पुरानी नीति के तहत शराब की खरीद बक्री हो रही थी. उत्पाद विभाग की तरफ से 1450 रीटेलरों में से 1420 को ही लाइसेंस मिल पाया है. शराब के बक्री, दुकानों में नये कर्मियों की नियुक्ति को लेकर एजेंसी का चयन, सिक्यूरिटी गार्ड और वेयरहाउस से रीटेलरों तक शराब की खेप पहुंचाने की निविदा को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
जानकारी के अनुसार प्रमंडलवार छह थोक वक्रेताओं का चयन राज्य सरकार की तरफ से किया जाना था. अभी भी तीन होलसेलरों का चयन नहीं किया जा सका है. तीन नये थोक वक्रेताओं के चयन को लेकर दुबारा टेंडर आमंत्रित किया गया है. इससे संबंधित आवेदनों को 13 मई को खोला जायेगा. विभागीय सूत्रों का कहना है कि नये थोक वक्रेताओं के चयन को लेकर एक महीना और लगेगा. 15 दिनों का समय टेंडर के तकनीकी और वित्तीय बिड के आधार पर तुलनात्मक विवरणी और एल-1, एल-2 और एल-3 कंपनियों के चयन में लगेगा.
मदिरा का भंडारण एवं थोक बिक्री नियमावली 2022 को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद अब होलसेलरों के चयन के पहले की प्रक्रिया शुरू की गयी थी. बिवरेज कारपोरेशन की तरफ से सिक्यूरिटी गार्ड सर्विस एजेंसी को सूचिबद्ध करने के लिए आवेदन मंगाये थे. झारखंड स्टेट बीवरेज कारपोरेशन लिमिटेड की ओर से पूरे राज्य को 10 जोन में बांटा गया है. सरकार की नयी उत्पाद नीति में जरूरत के आधार पर सभी प्रमंडलों में थोक लाइसेंस धारियों के लिए गोदाम बनाया जायेगा. इन सभी गोदामों के लिए सुरक्षा कर्मियों को प्रतिनियुक्त किया जायेगा.
राज्य में 22 गोदाम फिलहाल कार्यरत हैं, जबकि शराब के उत्पादकों की संख्या 44 के आसपास है. निगम की तरफ से खुदरा दुकानदार यानी वेंडिंग शॉप के लिए चार्टर्ड एकाउंटेंट संस्था को भी सूचिबद्ध किया जा रहा है, जो दस अंचल का कामकाज देखेंगे. जेएसबीसीएल की तरफ से कैश कलेक्शन एजेंट्स की भी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. ये रीटेल वेंडिंग शॉप से प्रति दिन के सेल की राशि का कलेक्शन कर, उसे बैंकों में अथवा जेएसबीसीएल की ओर से नामित बैंकिंग संस्था में जमा करायेंगे.
उपभोक्ताओं के लिए ऐसे में आनेवाले एक महीने में शराब की खरीद को लेकर मशक्कत करनी पड़ सकती है. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि नयी उत्पाद नीति को लागू करने की तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं, जहां कुछ कमी है, वहां वैकल्पिक व्यवस्थाएं भी की जा रही हैं. शराब के प्रचलित ब्रांडों को वेयर हाउस से रीटेलरों तक पहुंचाने के लिए भी सरकार की ओर से तैयारियां किये जाने का दावा किया जा रहा है. मालूम को कि छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कारपोरेशन लिमिटेड की ओर से झारखंड के लिए नयी उत्पाद नीति तैयार की गयी है. इसमें शराब के थोक वक्रेताओं को प्रमंडलवार सीमित करने का सुझाव दिया गया था. इतना ही नहीं राज्य भर के 10 जोन में रीटेलरों तक जीपीएस ट्रैकिंग के जरिये शराबों की खेप पहुंचाने की बातें भी कही गयी हैं. अब नये सिरे से चयनित कंपनियां और व्यवस्था के आधार पर शराब की बक्री सुनिश्चित करायी जायेगा. सभी रीटेलरों के यहां एक शॉप मैनेजर और एक सहायकों की नियुक्ति भी की जायेगी.