रांची: सरकारी कार्यालय में आम लोगों को परेशानी न हो इसके लिए सेवा गारंटी अधिनियम लागू है. मगर अंचल कार्यालयों में अभी भी इसका पालन करने में कई अफसरों की दिलचस्पी नहीं है. राजधानी के कई अंचलों में म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) के मामले तय समय से अधिक समय से पेंडिंग हैं. यह हाल तब है जब डीसी छवि रंजन सेवा गारंटी अधिनियम के पालन को लेकर सख्ती बरत चुके हैं. बीते साल दिसंबर माह में 16 अंचलों के सीओ पर शोकॉज करते हुए जुर्माना भी लगाया था. मगर पेंडेंसी के मामले दूर नहीं होने से साफ है कि डीसी की कार्रवाई का भी असर सीओ पर नहीं हो रहा है. राजधानी के कुल 22 अंचलों में 13938 मामले पेंडिंग हैं. जिसमें 134 मामले ऐसे हैं जो 30 दिन से अधिक समय से बिना ऑब्जेक्शन के और 28 मामले ऑब्जेक्शन आने पर 90 दिनों से अधिक समय से पेंडिंग नहीं हैं.
सेवा गारंटी अधिनियम के तहत यह है नियम
सेवा गारंटी अधिनियम के तहत म्युटेशन मामले में बिना ऑब्जेक्शन वाले मामले में 30 दिन और ऑब्जेक्शन वाले मामले को 90 दिनों में निपटारा करना है. सेवा गारंटी अधिनियम- 2011 की धारा- 7 (1) के तहत ससमय मामलों का निष्पादन नहीं करने की स्थिति में प्रतिदिन प्रति मामले 250 रुपए के तहत विलंब शुल्क की गणना की जाती है. यह जुर्माना संबंधित पदाधिकारी से वसूलने का नियम है.
तीन अंचलों में एक भी मामले पेंडिंग नहीं
राजधानी के कई अंचलों में 30 दिन और 90 दिन कैटगेरी के एक भी मामले लंबित नहीं हैं. तमाड़ अंचल में कुल 68 मामले हैं. मगर बिना ऑब्जेक्शन व ऑब्जेक्शन वाले मामले में एक भी मामला नहीं है. इसी प्रकार लापुंग में कुल पेंडेंसी 17 और सोनाहातू में 20 आवेदन हैं. जिसमें यहां भी 30 दिन और 90 दिन वाले मामले पेंडिंग नहीं हैं. वहीं, बिना ऑब्जेक्शन के सबसे अधिक 41 मामले बड़गाईं व शहर अंचल में 32 मामले हैं.
किस अंचल में कितने मामले, कितने दिनों से पेंडिंग
अंचल मामले 30 दिन 90 दिन
अनगड़ा 369 03 00
अरगोड़ा 788 00 05
इटकी 73 01 00
ओरमांझी 473 00 01
कांके 2555 01 03
खलारी 37 03 00
चान्हो 242 12 03
तमाड़ 68 00 00
नगडी 1476 04 00
नामकुम 2571 08 04
बड़गाई 1310 41 08
बेड़ो 167 10 00
बुढ़मू 342 00 01
बुंडू 119 01 00
मांडर 288 05 00
रातू 1533 02 00
राहे 51 02 00
लापुंग 17 00 00
शहर 601 32 01
सिल्ली 92 08 01
सोनाहातू 20 00 00