आदिल हसन/ न्यूज 11 भारत
रांची: रांची नगर निगम में कचरे उठाव के नाम पर बड़ा खेल चल रहा है. निगम के अधिकारी डोर-टू-डोर कचरा उठाने वाले कंपनी पर दिल खोलकर मेहरबान हैं. आंकड़ो में बात करें तो निगम के अधिकारी हर माह सीडीसी कंपनी को एक करोड़ के करीब सीधा लाभ पहुंचा रहे हैं. कंपनी से हर माह मोटा कमिशन लेने के लिए रांची नगर निगम में जनता के टैक्स के पैसों की खुलेआम लूट मची हुई, लेकिन निगम के बड़े अधिकारी भी अपनी आंखें बंद रखे हुए हैं.
ऐसे समझें कैसे निगम के अधिकारी कंपनी को पहुंचा रहे हैं फायदा
दरअसल रांची नगर निगम 53 वार्डों में घरों से कचरा उठाने के लिए सीडीसी कंपनी के साथ करार किया है. कंपनी ने इस साल जनवरी में नगर निगम क्षेत्र में डोर-टू-डोर कचरा उठाने का काम शुरू कर दिया. करार के तहत निगम ने अपने सभी कचरा उठाने वाले वाहनों को कंपनी को सौंप दिए, ताकि नियमित रूप से वार्डों में कचरे का उठाव होता रहे. कहीं कोई दिक्कत न आए.
वहीं रांची नगर निगम शहर के नालों की सफाई का काम अपने पास रखा. इसके लिए नगर निगम के पास भाड़े पर चलने वाले करीब 200 ट्रैक्टर हैं. ताकि निगम अपने स्तर पर शहर के नालों की सफाई में इन ट्रैक्टर को उपयोग में लाए. लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है. निगम के ट्रैक्टर सीडीसी कंपनी के लिए वार्डों में कचरा उठाने का काम कर रहे हैं और इस काम के लिए नगर निगम को सीडीसी कंपनी से एक रुपये की आमदनी नहीं हो रही है. उलठे निगम हर माह ट्रैक्टर के भाड़े और डीजल पर करीब एक करोड़ खर्च कर रहा है.
एक ट्रैक्टर का प्रतिमाह 20 हजार भाड़ा और डीजल का खर्च निगम उठा रही है
निगम के पास भाड़ा के करीब 200 ट्रैक्टर है. एक ट्रैक्टर का भाड़ा 20 हजार रुपए प्रतिमाह है. वहीं प्रति दिन निगम एक ट्रैक्टर में 12 लीटर डीजल पर खर्च करता है. जोड़, गुणा करने पर पता चलेगा कि हर माह निगम 200 ट्रैक्टर और डीजल पर करीब 98 लाख 40 हजार खर्च करती है. मतलब माल माहाराज का और मिर्जा खेलें होली.