रांची: राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर रांची वाया लोहरदगा टोरी लाइन पर ट्रेन संख्या 18613/14 रांची-चोपन-रांची ट्रेन का विस्तार सिंगरौली तक करने का आग्रह किया है. पोद्दार ने पारसनाथ से सम्मेद शिखर (विश्वविख्यात जैन तीर्थस्थल) होकर गिरिडीह तक रेल लाइन के बजट आवंटन का आग्रह भी किया है.
उन्होंने रेल मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में शुरू हुई रांची-लोहरदगा-टोरी रेल लाइन शूरू हुई. झारखण्ड, उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश के नागरिकों व विभिन्न नागरिक संगठनों के अनुरोध को देखते हुए पर ट्रेन संख्या 18613/14 रांची-चोपन-रांची ट्रेन का विस्तार सिंगरौली तक करना जरूरी है. रांची-सिंगरौली-रांची ट्रेन वाया लोहरदगा, टोरी, रेनूकूट, सलईबनवा, दूदही, ओबरा डैम अत्यंत उपयोगी एवं तीन राज्यों के एक बड़े भूभाग के यात्रियों को सुविधा देनेवाली और रेलवे के राजस्व में वृद्धि करने वाली साबित होगी.
उन्होंने सिंगरौली, शक्तिनगर, बैढ़न, रेनूकूट आदि औद्योगिक नगर हैं और इन नगरों के आसपास अनेक छोटे-बड़े व्यावसायिक क्षेत्र और कोयले की बड़ी-बड़ी खदानें हैं. जहां झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के नागरिक बड़ी संख्या में रोजी-रोटी और नौकरी के लिए आवागमन करते हैं.
बजट आवंटन के अभाव में बाधित है पारसनाथ- सम्मेद शिखर-गिरिडीह रेल लाइन
रेल मंत्री को लिखे एक अन्य पत्र में सांसद पोद्दार ने कहा है कि पूर्व मध्य रेलवे के धनबाद डिवीजन अंतर्गत पारसनाथ से सम्मेद शिखर होते हुए गिरिडीह रेल लाइन का भूमिपूजन 2019 में ही हो चुका है. सम्मेद शिखर जैन धर्मावलंबियों का प्रमुख तीर्थस्थल है जहां देश भर से श्रद्धालुओं का आवागमन होता है. धनबाद रेल मण्डल के पारसनाथ रेलवे स्टेशन से गिरिडीह जिले के मधुबन तक करीब 50 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाने की परियोजना तैयार है. सभी सर्वेक्षण कार्य भी पूरे किए जा चुके हैं. लेकिन पर्याप्त बजटीय राशि आवंटित नहीं होने के कारण इस दिशा में अब तक कोई कार्रवाई प्रारंभ नहीं हो सकी है. इस परियोजना के माध्यम से मेन लाइन ग्रैन्ड कॉर्ड लाइन से जुड़ जाएगी जिससे उत्तर पूर्व के यात्रियों को भी काफी सुविधा होगी.