न्यूज11 भारत
रांचीः झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 29 जुलाई यानी आज से शुरू हो रहा है. कहा जा रहा है कि सत्र काफी हंगामेदार हो सकता है. क्योंकि विपक्ष के पास सरकार को घेरने के लिए कई सारे मुद्दे हैं. जानकारी के अनुसार, मानसून सत्र को लेकर बीजेपी, कांग्रेस और जेएमएम के विधायकों ने अपनी अलग-अलग बैठक की. जिसमें राज्य के जनहित और कई मुद्दों पर चर्चा की गई. एक ओर जहां सत्ता पक्ष ने सरकार की उपलब्धि और विपक्ष के मुद्दों से बचाव को लेकर कार्ययोजनाएं बनाई तो वहीं विपक्ष पार्टी बीजेपी ने भ्रष्टाचार, विधि व्यवस्था, जेपीएससी परीक्षा रद्द मामला, गौ तस्करों द्वारा महिला दरोगा की हत्या, राज्य में सुखाड़, ईडी की कार्रवाई समेत कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है. कुल मिलाकर विपक्ष पूरे जोश के साथ सरकार को घेरने की कोशिश करेगी.
ये भी पढ़ें- सिमडेगा के युवक को गिरफ्तार कर जशपुर ले गई छत्तीसगढ़ पुलिस
इस मानसून सत्र के दौरान 6 कार्य दिवस होंगे जिसमें 1 अगस्त से लेकर 5 अगस्त तक प्रश्नकाल होगा. इसी बीच अनुपूरक बजट भी सदन में लाए जाएंगे. आज यानी 29 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र की कार्यवाही 11 बजे से शुरू होगी. वहीं 30 और 31 जुलाई को शनिवार-रविवार होने की वजह से कार्यवाही सदन में नहीं होगी. 1 अगस्त को वित्तीय साल 2022-23 के पहले अनुपूरक बजट सदन के पटल पर पेश किया जाएगा. वहीं 2 अगस्त को इसपर चर्चा होने के बाद इसे सदन में पारित किया जाएगा, 3 और 5 अगस्त को राजकीय विधेयक व अन्य राजकीय कार्य अगर हो, तो वह कार्य किए जाएंगे. 5 अगस्त को गैर सरकारी सदस्यों के कार्य और गैस सरकारी संकल्प को सदन के पटल पर रखा जाएगा.
इधर 28 जुलाई को मानसून सत्र को लेकर हुई बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यूपीए विधायकों को संबोधित किया. उन्होंने कहा है कि मानसून सत्र में विपक्ष अपने सवालों से सरकार को घेरने की कोशिश करेगा. पर हमें जनता के सवालों का जवाब देना है. मंत्री संयमित ढंग से और मर्यादित तरीके से जवाब देंगे.जानकारी के मुताबिक, गुरुवार की देर शाम सीएम आवास में बैठक कर पक्ष ने रणनीति बनायी है.
ये भी पढ़ें- हावड़ा ब्रिज पर चढ़ा रांची का युवक, खैनी के लालच देकर उतारा गया नीचे!
6 कार्यदिवस वाले इस मानसून सत्र में राज्य सरकार कई विधेयकों को दोबारा लाने की तैयारी में है. जिसमें एंटी मॉब लिंचिंग बिल और राज्य में जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना से संबंधित महत्वपूर्ण विधेयक शामिल है. बता दें, यह दोनों विधेयक विधानसभा में पहले भी पारित किए गए थे लेकिन इसके हिंदी-अंग्रेजी अनुवाद में विभन्नता के कारण राज्यपाल ने इन विधेयकों को बगैर हस्ताक्षर किए ही वापस कर दिया था. वहीं सत्र की तैयारियों को लेकर स्पीकर द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में राज्य में इन दिनों उत्पन्न हुए सुखाड़ की स्थित पर सत्र के दौरान विशेष चर्चा कराने पर भी सहमति बनी है. सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्रनाथ महतो ने राज्य के सभी विभाग के पदाधिकारियों और सदन के अधिकारी दीर्घा में मौजूद रहने का निर्देश दिया है.