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रांची/डेस्क: अबुआ आवास झारखंड सरकार के द्वारा शुरू की गई योजना है जिसके तहत वैसे लोगों को लाभ मिलने की बात की गई है, जिन्हें केन्द्र सरकार के द्वारा चलाई जा रही पीएम आवास योजना या इससे संबंधित अन्य किसी प्रकार की योजना का लाभ नहीं मिल पा रही है. इस योजना की शुरआत करने के पहले से ही सरकार कहते आ रही है कि केन्द्र सरकार के द्वारा चलाई जा रही योजना से लगभग 8 लाख लोग वंचित हैं जिन्हें इसका लाभ नहीं मिल पा रही है. इस योजना के तहत उन्हीं वंचित लोगों को लाभ पहुंचाने का प्रयास है.
अब इस योजना को पूरा करने के लिए अधिक श्रमिकों की आवश्यक्ता पड़ रही है. जिस तरीके से मनरेगा श्रमिक ग्रामीण इलाकों में अपना काम करते हैं ठीक उसी प्रकार अबुआ आवास के योजना से भी इसे जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. ताकि अबुआ आवास के अधूरे कामों को तेजी से पूरा किया जा सकें साथ ही साथ ग्रामीण मजदूरों को भी ज्यादा से ज्यादा काम मिल सके .
झारखंड सरकार के द्वारा अबुआ आवास में लगभग 20 लाख लाभुकों को आवास देने की बात कही गई थी, वहीं राज्य सरकार के द्वारा 1.90 लाख परिवार को इस योजना की स्वीकृति मिली हुई है .लगभग 1.60 लाख परिवारों को इस योजना की पहली किस्त भी भेज दी गई है. लगभग 30 हजार आवास का आधा काम पूरा हो चुका है वहीं काफी आवास का काम धीमा पड़ा हुआ है, इन अधूरे कामों को पूरा करने के लिए मनरेगा श्रमिकों की जरूरत पड़ने लगी है. पीएम आवास के तर्ज पर अबुआ आवास के कामों में भी मनरेगा के श्रमिकों को काम पर लगाने का प्रस्ताव तैयार हो रहा है. इसके तहत 90 से 95 दिन सृजित करने का प्रयास किया जा रहा है,राज्य के द्वारा शुरु की गई इस योजना में केन्द्र के द्वारा प्रायोजित मनरेगा से जोड़ने की कवायद तेज हो गई है.