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रांची: निर्दलीय विधायक सरयू राय ने सदन में उनके प्रश्न का गलत एवं भ्रामक उत्तर देने के लिए वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, झारखण्ड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नगर विकास एवं आवास विभाग तथा ईगल नामक संस्था के अधिकारियों के विरूद्ध विशेषाधिकार हनन की सूचना विधानसभा अध्यक्ष को दिया. उन्होंने बताया कि दो जुलाई को उनके अल्पसूचित प्रश्न का सदन में इन अधिकारियों ने गलत एवं भ्रामक उत्तर दिया है. इन्होंने अपने उत्तर में कहा कि हरमू, दामोदर, स्वर्णरेखा सहित राज्य की अन्य नदियों में उनके किनारे बसे शहरों का गंदा सिवरेज-ड्रेनेज नहीं गिर रहा है. इन नदियों का प्रदूषण नहीं हो रहा है. सरकार ने अपने उत्तर में यह भी कहा है कि शहरों का प्रदूषण रोकने के लिए रांची, साहेबगंज, राजमहल, जमशेदपुर, बोकारो तथा धनबाद में 14 सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाया है. नदियों के प्रदूषण की गुणवत्ता जाँच नियमित रूप से किया जाता है और केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पोर्टल पर प्रत्येक माह जाँच प्रतिवेदन को अपलोड किया जाता है. इन बातों को गलत बताते हुए विधायक सरयू राय ने सभाध्यक्ष को सूचित किया कि विभाग के अधिकारियों का उत्तर सरासर गलत है. जुलाई-2020 के बाद केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पोर्टल पर झारखण्ड के किसी भी नदी के प्रदूषण जाँच का आँकड़ा अपलोड नहीं है. हरमू नदी के जल प्रदूषण का आंकड़ा तो कभी भी केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पोर्टल पर डाला ही नहीं गया है. ये सारे अधिकारी सरासर झूठ बोल रहे हैं, सदन को गुमराह कर रहे हैं, सदन की अवमानना कर रहे है और सदन के सदस्य के नाते सरकार से सही उत्तर पाने के उनके विशेषाधिकार का हनन कर रहे हैं. इसलिए सभाध्यक्ष गलत एवं भ्रामक जवाब देने वाले अधिकारियों के विरूद्ध सदन की अवमानना एवं विधायक के विशेषाधिकार की हनन की कार्रवाई आरंभ करें.
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