झारखंडPosted at: मई 09, 2022 IAS अधिकारी के श्रीनिवासन खान विभाग रहते हुए कई बड़े कार्यों को दिया अंजाम
सरयू राय ने करमपदा लौह अयस्क खदान से आयरन ओर से उठाव पर खान सचिव को हटाने की मांग की थी
न्यूज 11, भारत
रांचीः आइएएस अधिकारी के श्रीनिवासन ने खान विभाग के सचिव के छोटे से कार्यकाल में कई बड़े कार्यों को अंजाम दिया. इनके कारनामों को लेकर निर्दलीय विधायक ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कई बार शिकायत भी की थी. उन्होंने खान सचिव जैसे महत्वपूर्ण विभाग से इन्हें हटाने का अनुरोध भी किया था. जानकारी के अनुसार बालू में ई-चालान और ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था इन्होंने ही शुरू की थी. सितंबर 2020 में इन्हें राज्य सरकार की तरफ से खान एवं भूतत्व सचिव बनाया गया था. एक साल तक ये खान सचिव रहे. ये झारखंड राज्य खनिज विकास निगम के प्रबंध निदेशक थे. बालू के ट्रांसपोर्टेशन को लेकर ई-चालान व्यवस्था शुरू हुआ था. सूत्रों के अनुसार आइएएस के श्रीनिवासन के मुख्य सहयोगी थे झारखंड राज्य खनिज विकास निगम के बालू प्रभारी अशोक सिंह. उस समय राज्य के किसी भी बालू घाटों का ऑक्शन नहीं हुआ था. इनकी टीम में उप निदेशक खान शंकर सिन्हा, उप निदेशक राजेश कुमार पांडेय शामिल थे. शंकर सिन्हा वही शख्स हैं जो पहले जेएसएमडीसी में निदेशक खनन भी रह चुके हैं और कई वर्षों तक जिला खनन पदाधिकारी हजारीबाग भी रहे थे. नदियों से बालू के उठाव के लिए कोई आदेश नहीं लिया जाता था. बालू के उठाव मामले में एक सौ करोड़ से अधिक की वसूली की गयी. यह सब छह से आठ महीने के कार्यकाल में ही हुआ.
विधायक ने खान सचिव रहे के श्रीनिवास को पद से हटाने की मांग की थी
विधायक सरयू राय ने 27 जून 2021 को करमपदा लौह अयस्क खदान से अवैध उठाव और खान सचिव रहे के श्रीनिवासन के खिलाफ की थी शिकायत. उन्होंने अपने पत्र में लिखा था कि खान एवं भूतत्व सचिव हाईकोर्ट के फैसले के विरूद्ध कोर्ट के न्यायादेश की गलत व्याख्या कर अनर्गल काम कर रहे हैं. उन्होंने खान सचिव को पद से हटाने का अनुरोध भी किया था. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिख कर कहा था कि खान सचिव ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए करमपदा लौह अयस्क खदान से आयरन ओर से उठाव की अनुमति दी थी. इस संबंध में झारखंड हाईकोर्ट में रिट संख्या 3013 ऑफ 2020 के पारित आदेश का अनुपालन भी नहीं किया गया. इसको लेकर 20 जुलाई 2021 को खान सचिव ने एक बैठक बुलायी थी. खान सचिव ने 11 जून 2021 को पत्र लिख कर कहा था कि उच्च न्यायालय ने 21 मई 2021 को एक फैसला दिया था, जिसमें एक निजी कंपनी का खनन पट्टा रद्द करने के आदेश को रद्द कर दिया गया था. इसके बाद ही बंद पड़े खदान से लौह अयस्क के पांच लाख टन से अधिक के भंडार को बेचने की अनुमति दे दी गयी. कंपनी को झारखंड सरकार की तरफ से 18 नवंबर 2020 को पत्र लिख कर करमपदा लौह अयस्क खदान के बचे हुए आयरन ओर का उठाव करने के संबंध में पत्र लिखा था. विधायक सरयू राय ने कहा था कि खान सचिव ने नियम विरुद्ध आदेश निकाला था. विधानसभा में भी सरयू राय ने इस संबंध में सवाल पूछा था. उन्होंने आरोप लगाया था कि खान सचिव ने उच्च न्यायालय के फैसले की गलत व्याख्या कर दी थी. इसके बाद से निजी कंपनी ने लौह अयस्क का उठाव तेजी से शुरू कर दिया था. इतना ही नहीं जिला खनन पदाधिकारी ने लौह अयस्क के उठाव को लेकर चालान भी निर्गत किया था. विधायक सरयू राय के अनुसार खान सचिव ने उच्च अधिकारियों की अनुमति भी लौह अयस्क के उठाव को लेकर नहीं किया.