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रांची: अल्पसंख्यकों पर बढते हमलों के खिलाफ सीपीएम ने आज पुरे झारखंड में देशव्यापी विरोध दिवस आयोजित किया. राज्य की राजधानी रांची समेत 15 जिलों के 143 प्रखंडो मे कार्यक्रम किए जाने की सूचना किसान आंदोलन से ध्यान हटाने के लिए आरएसएस और भाजपा द्वारा अपने सांप्रदायिक धुव्रीकरण के एजेंडे के तहत पुरे देश मे नफरत का जहर फैलाने की साजिश को और तेज कर दिया गया है.
पार्टी पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने कहा कि गाजियाबाद जिले मे उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा बेकसूर 7 मुस्लिम अल्पसंख्यक नौजवानों को एक ही जगह घुटने के नीचे गोली मारकर घायल कर दिया गया. उन्हें गौ तस्कर बताते हुए झुठे मुकदमे के तहत जेल भेजना सरकारी संरक्षण मे अल्पसंख्यक समुदाय को डराने की साजिश का हिस्सा है. इस साजिश के उजागर होने के बाद एवं वाम और धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक पार्टियों के सडकों पर उतरने के बाद गोली चलाने वाले पुलिस अधिकारी को निलंबित किया गया है लेकिन उस पर हत्या का षडयंत्र रचने के आरोप के तहत बर्खास्त कर मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है. इतना ही नहीं उस इलाके का भाजपा सांसद यु. पी. के शीर्ष अधिकारियों को पत्र लिखकर सांप्रदायिक उन्माद की भाषा मे चेतावनी देता है. उसी प्रकार देश के कई स्थानों पर ईसाईयों के प्रार्थना धरों पर सुनियोजित तरीके से हमले किए जा रहें हैं.
उन्होंने कहा कि गुरुग्राम मे अल्पसंख्यकों को नमाज पढ़ने से रोकना, त्रिपुरा और आसाम मे भाजपा सरकार के संरक्षण मे सुनियोजित तरीके से मस्जिदों और अल्पसंख्यकों के रिहायशी इलाकों पर हमले कर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को मौत के घाट उतारे जाने की घृणित घटनाएं हमारे देश के धर्मनिरपेक्ष संविधान और साझी संस्कृति की गौरवशाली परंपरा पर नंगा हमला है.
झारखंड में अब भी जारी है सिलासिला
झारखंड मे भी भाजपा के शासनकाल मे 26 मौब लिचिंग की खौफनाक घटनाओं ने अल्प संख्यक समुदाय को भय के वातावरण मे रहने के मजबूर कर दिया था. लेकिन झारखंड मे सरकार बदलने के बाद भी वातावरण को विषाक्त करने की इन नफरती ताकतों का विभाजन कारी षड्यंत्र जारी है. अभी हाल मे ही राजधानी रांची मे एक संडक का नाम जो काफी समय से एक अल्पसंख्यक समुदाय के प्रतिष्ठित व्यक्ति के नाम से है उसे इन तत्वों के इशारे पर बदल कर बजरंग नगर कर दिया गया और इसकी अगुवाई रांची नगर निगम के उप महापौर कर रहे थे. जबकि किसी रोड या लेन का नाम नगर निगम मे प्रस्ताव लाकर ही किया जा सकता है. इस प्रकार उप महापौर ने एक गैर कानूनी काम किया है. सांप्रदायिक उन्माद बढ़ाने की अगली कड़ी मे कल ही कश्मीरी युवकों पर जो फेरी का काम करते हैं सांप्रदायिक तत्वों ने जानलेवा हमला कर उन्हें बुरी तरह घायल कर दिया. कश्मीरी व्यापारियों के साथ रांची मे इस प्रकार की घटनायें पिछले दो साल मे पांच बार हो चुकी हैं. हालांकि मुख्यमंत्री ने इस घटना के बाद सभी जिलों के एस. पी. को निर्देश देकर असमाजिक तत्वों पर कार्रवाई करने के लिए कहा है. लेकिन मौब लिचिंग के पुराने मामले के पीड़ितों को राहत दिए जाने का काम बाकी है. इसी पृष्ठभूमि मे आज सीपीएम के देशव्यापी आह्वान पर अल्पसंख्यकों पर बढ रहे हमलों के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध कार्रवाई आयोजित कर उनके साथ एकजुटता प्रकट की गयी.